सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के लिए एक अलग गाइडलाइन जारी की है। अदालत के इस फैसले पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कई प्रतिक्रियाएं आई हैं।
दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसला सुनाया। कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने 11 अगस्त के अपने आदेश में संशोधन करते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। कोर्ट के इस फैसले पर सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। इसमें राजनीतिक लोग और पशु प्रेमी भी शामिल हैं।
यह फैसला वैज्ञानिक तर्क पर आधारित है
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'मैं आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट के संशोधित निर्देशों का स्वागत करता हूँ, क्योंकि यह पशु कल्याण और जन सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने की दिशा में एक प्रगतिशील कदम है। यह दृष्टिकोण न केवल स्नेहपूर्ण है, बल्कि वैज्ञानिक तर्क पर भी आधारित है।'
विजय गोयल ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया
आवारा कुत्तों के खिलाफ अभियान में सक्रिय रूप से शामिल रहे भाजपा नेता विजय गोयल ने भी कोर्ट के इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि एमसीडी शेल्टर होम बनाना जारी रखेगी।
गोयल ने कहा, 'मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूँ। फैसले में कहा गया है कि एमसीडी आश्रय गृह बनाना और आवारा कुत्तों की नसबंदी करना जारी रखेगी। कोर्ट ने यह भी कहा है कि कुत्तों को केवल निर्धारित स्थानों पर ही खाना खिलाया जा सकता है।'
जानिए मेनका गांधी ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को स्थायी रूप से न पकड़ने का भी आदेश दिया है। पशु अधिकार कार्यकर्ता और भाजपा नेता मेनका गांधी ने कहा, 'मैं इस फैसले से बहुत खुश हूँ। कुत्तों के काटने के पीछे केवल स्थानांतरण और डर ही कारण हैं। रेबीज से संक्रमित कुत्तों को छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता।'
कोर्ट के फैसले पर आपत्ति जताते हुए भाजपा नेता ने कहा, कोर्ट ने यह परिभाषित नहीं किया है कि आक्रामक कुत्ता क्या होता है? इसे परिभाषित करने की ज़रूरत है। यह बिल्कुल सही है (आहार क्षेत्र बनाने का आदेश)। उन्हें (नगर निगमों को) ऐसे आहार क्षेत्रों के लिए साइनबोर्ड भी लगाने होंगे।'
मेनका गांधी ने कहा, 'कोर्ट ने कहा है कि उसका फैसला पूरे देश में लागू है। आदेश के अनुसार, नगर निगमों को उचित एबीसी (पशु जन्म नियंत्रण) केंद्र स्थापित करने होंगे।' 25 वर्षों में पहली बार, सरकार ने संसद में कहा कि वह इस कार्यक्रम के लिए 2,500 करोड़ रुपये आवंटित कर रही है।
खतरनाक कुत्तों को आश्रय गृहों में ही रखा जाएगा
अदालत ने आज अपने फैसले में कहा कि नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को उनके मूल स्थान पर छोड़ा जा सकता है, लेकिन आक्रामक या रेबीज से संक्रमित कुत्तों को आश्रय गृहों में ही रखा जाएगा।
सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर प्रतिबंध
अदालत ने सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके लिए नगर निगम द्वारा विशेष भोजन क्षेत्र स्थापित किए जाएँगे। अदालत ने माना कि सड़कों पर खाना खिलाने से कुत्तों का आकर्षण बढ़ता है, जिससे आम लोगों के लिए खतरा पैदा होता है।