घनश्याम बाबा
डबरा (बेजोड रत्न ब्यूरो)। मप्र में 15 से 17 वर्षों के बीच भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, मप्र सरकार ने बेटियों के उज्जवल भविष्य को बनाने के लिए प्रदेश सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चैहान द्वारा कई ऐसी योजना धरातल पर उतारी है जिससे जहां बेटियां साक्षर बनी तो बेटियों ने खुद को एक ऐसे मुकाम पर पहुंचाया है कि प्रदेश को आज भी बेटियों पर नाज है लेकिन डबरा नगर एक ऐसा नगर है जिसमें आज तक बेटियों के लिए कन्या महाविद्यालय की दरकार हमेशा रही है और कई बार स्थानीय समाजसेवियों और युवा समाजसेवियों ने प्रदेश सूबे के मुखिया को ज्ञापन सौंपकर कन्या महाविद्यालय की मांग की जो आज तक पूरी नहीं हो पाई और कब पूरी होगी यह भविष्य के गर्त में है। मजबूरी में छात्राओं को वृन्दासहाय और अशासकीय महाविद्यालयों में लेना पडता है एडमिशन.....
जिस शहर में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी हो वह शहर युवा पीढी के लिए उच्च स्तर माना जाता है लेकिन नगर में न तो स्वास्थ्य सेवाएं उच्च स्तर की है और न ही शिक्षा के क्षेत्र में छात्राओं के लिए कोई भी सरकारी कन्या महाविद्यालय नहीं है। छात्राओं के लिए कन्या महाविद्यालय न होने से जो छात्राएं हायरसेकेण्डरी पास करने के बाद जब छात्राओं को बीए, बीएससी, बीकॉम में एडमिशन लेना होता है तो छात्रों की मजबूरी या तो वृन्दासहाय कॉलेज या फिर अशासकीय महाविद्यालय संत कवर राम जो कि जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबंधित है, शिक्षा गृहण करना पडती है। या फिर छात्राओं को मजबूरीवश साइंस कॉलेज, केआरजी में एडमिशन लेना पडता है क्योंकि नगर के अंदर कन्या महाविद्यालय नहीं है लेकिन 15 से 20 वर्ष बीतने के बाद आज तक कन्या महाविद्यालय की मांग प्रदेश सरकार पूरी नहीं कर पाई जबकि सन् 2000 से यह मांग लगातार छात्राओं और स्थानीय समाजसेवियों द्वारा की जा रही है।
सैकडों छात्राओं का भविष्य अधर में........
जहां एक ओर मप्र सरकार नारी सशक्तिकरण और बेटियों के भविष्य को लेकर हमेशा विशेष चिंता करती है लेकिन वहीं दूसरी ओर आज तक बेटियों के लिए एक कन्या महाविद्यालय खोलने के लिए यह पहल क्यों याद नहीं आई..? प्रतिवर्ष हायर सेकेण्डरी पास करने के बाद सैकडों छात्राएं यह सोचने पर विवश हो जाती है कि अब हम बीए, बीएससी, बीकॉम करें तो कहां से करे। वृन्दासहाय कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद छात्राओं को खास तौर पर कई परेशानियों का सामना करना पडता है, खास बात यह भी है कि इस महाविद्यालय के अंदर प्रोफेसरों की कमी हमेशा रहती है। ऐसी स्थिति में छात्राओं को मजबूरीवश ग्वालियर कई महाविद्यालयों में उचित शिक्षा हासिल करने के लिए एडमिशन लेना पडता है। सन् 2000 से लगातार उठ रही है कन्या महाविद्यालय की मांग.......
बेटियां हमेशा दो घर का ताज होती है, माता-पिता अपनी बेटी को पढा-लिखा कर इस काबिल बनाना चाहता है कि जब वह विवाह उपरांत दूसरे के घर पहुंचे तो उस घर को भी एक दीपक के रूप में रोशनी दे सके लेकिन यह रोशनी एक बेटी को तभी हासिल हो सकती है, जब उसे अच्छी शिक्षा हासिल हो। सन् 2000 से कन्या महाविद्यालय की मांग लगातार उठ रही है कई समाजसेवियों ने कन्या महाविद्यालय की मांग को लेकर समय-समय पर जब प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री नगर में आते है उस वक्त ज्ञापन देकर कई बार मांग की गई लेकिन हर बार की तरह इस मांग को हमेशा दरकिनार किया गया।
कन्या महाविद्यालय खुला तो छात्राओं को भविष्य होगा उज्जवल......
नगर में कन्या महाविद्यालय की अगर मांग पूरी होती है तो शहर और ग्रामीण क्षेत्र की बेटियां अपने जीवन को उज्जवल बना सकती है क्योंकि उन्हें हर विषय की शिक्षा उच्च स्तर पर नगर में मिलेगी तो उनका भविष्य और अच्छा गढेगा। पढ-लिख कर बेटियां नौकरियों में जाएंगी और अपने भविष्य को बनाएगी, क्योंकि एक ओर देखा जाए नगर के अंदर उच्च स्तर शिक्षा पाने के लिए कोई भी बडा संस्थान नहीं है।
प्रदेश सरकार से आशा की है बेटियों ने कन्या महाविद्यालय की मांग को लेकर....
मप्र सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चैहान जहां एक ओर बेटियों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में बडे-बडे आयाम स्थापित किए है वहीं अब बेटियों ने प्रदेश सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चैहान से एक कन्या महाविद्यालय की मांग की है, जिससे कि नगर की बेटियां अपने भविष्य को गढ सके। वहीं दूसरी ओर चुनाव के वक्त कन्या महाविद्यालय की मांग बडे जोरों से उठी थी लेकिन चुनाव के बाद शांत हो गई, आखिर क्यों..? 2023 मप्र विधानसभा चुनाव में यही कन्या महाविद्यालय की मांग दोबारा उठेगी।
इनका कहना.......
कन्या महाविद्यालय की दरकार वास्तवितकता में आज शहर की बेटियों के लिए है, मात्र एक महाविद्यालय नगर में है। जिसमें बेटियों को एडमिशन लेना पडता है या फिर ग्वालियर स्थित साइंस कॉलेज और केआरजी कॉलेज में शिक्षा हासिल करने के लिए एडमिशन लेना पडता है, अगर नगर में कन्या महाविद्यालय होगा तो बेटियों का भविष्य कुछ और ही होगा। बेटियों के भविष्य के लिए कन्या महाविद्यालय अति आवश्यक है। बंटी गुर्जर जिला भाजपा उपाध्यक्ष
कन्या महाविद्यालय की मांग को लेकर बेटियों का भविष्य बनाना हर जनप्रतिनिधि का कर्तव्य है बेटियों के भविष्य के लिए दलगत राजनीति से उठकर जनप्रतिनिधियों को आगे आकर इस मांग को पूरा कराना चाहिए जिससे कि शहर की बेटियों को अन्य शहरों में शिक्षा हासिल करने के लिए न जाना पडे, क्योंकि जब बेटियां शहर से बाहर पढने जाती है तो माता-पिता को कई परेशानियों का सामना करना पडता है। हमारे द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को अतिशीघ्र कन्या महाविद्यालय की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा।
महाराज सिंह राजौरिया इंका नेता डबरा