- आखिर हम गरीब कोटवारों के मांगो की पूर्ति कब होगी कम, हडताल का पंाचवा दिन

आखिर हम गरीब कोटवारों के मांगो की पूर्ति कब होगी कम, हडताल का पंाचवा दिन

पटवारी संघ ने दिया कोटवारों की हडताल को समर्थन
घनश्याम बाबा
डबरा  (बेजोड रत्न ब्यूरो)। मात्र 6 माह के अंदर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है और चुनाव के वक्त जहां एक ओर अपनी-अपनी मांगो को लेकर कई संविदा कर्मचारी हडतालों पर है जिसमें पंचायत सहायक रोजगार कर्मचारी और प्रदेश के प्रशासनिक सूचना तंत्र की अहम कडी का हिस्सा कोटवार कई दिनों से अनिश्चित कालीन हडताल पर है अपनी मांगो को लेकर। पांचवा दिन हडताल को जारी है लेकिन अभी तक जिले का कोई भी सीनियर अधिकारी कोटवारों के बीच नहीं पहुंचा, कोटवारों की मांग है कि हम जब तक हडताल से नहीं उठेंगे तब तक प्रदेश के 38 हजार कोटवारों की मांगे पूरी नहीं होगी। आमरण अनशन, भूख हडताल यहां तक कि जेल भरो जैसी स्थिति में भी कोटवार पीछे नहीं रहेंगे। कोटवारों ने मीडियाकर्मियों के समक्ष बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और सहकारिता मंत्री व मुख्यमंत्री के निजी सचिव व राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा कोटवारों को कई बार आश्वासन दिया गया है। हम प्रशासन की अहम कडी का एक हिस्सा है सरकार हमारे साथ इस प्रकार का सौतेला व्यवहार क्यों कर रही है। अपनी मानवीय मांगों को लेकर पूरे प्रदेश के विभिन्न जिलों, तहसीलों, उपतहसीलों में कोटवार हडताल पर है लेकिन उसके बावजूद भी हम कोटवारों की आवाज का कोई भी अधिकारी और मंत्री हिस्सा बनना नहीं चाहता। ऐसी स्थिति में कम वेतन के साथ हम अपने परिवारों का पालन-पोषण किस प्रकार करेंगे, यह बात समझ से परे है। पटवारी संघ द्वारा 14 मार्च को कोटवार संघ को अपना समर्थन दिया गया और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात कही गई।

मुख्य मानवीय मांगे.......

- मध्यप्रदेश के सभी कोटवारों को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जावे बिलंव होने पर कोटवारों को कलेक्टर रेट पर वेतन दिया जावे।

- सेवाभूमिधारी कोटवारों को भूमिस्वामी स्वत्व प्रदान किया जावे।

- शहरी क्षेत्र में कोटवार का पद समाप्त न किया जावे एवं ग्रामीण क्षेत्र में भी एक ग्राम में एक से अधिक कोटवार पद होने की स्थिति में उक्त कोटवार पद समाप्त न किया जावे पूर्व की तरह यथावत रखा जावे। ग्राम में मौजूद सेवाभूमि संबधित ग्राम कोटवार को दी जावे।

- राजस्व विभाग में रिक्त पदों पर योग्यता के आधार पर रिक्त पद पर पूर्व से कार्यरत कोटवारों को नियुक्ति में प्राथमिक्ता दी जावे।

इनका कहना......

   हम अपनी मानवीय मांगो की पूर्ति के लिए आमरण अनशन के साथ-साथ भूख हडताल पर भी बैठेंगे, जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानती हम हडताल से नहीं हटेंगे। हम प्रशासन की अहम कडी का हिस्सा है लेकिन बात समझ से परे है कि हम लोगों की मांगो पर प्रशासनिक अधिकारी और सरकार का कोई भी मंत्री गौर नहीं कर रहे है।

    लाल सिंह किरार तहसील अध्यक्ष चीनौर

राजस्व विभाग में रिक्त पदों पर योग्यता के आधार पर कार्यरत कोटवारों को प्राथमिकता से नियुक्ति दी जाएं और कोटवारों को ऐसा वेतन दिया जाए जिससे वह अपने परिवार का समय पर पालन-पोषण कर सकें। इस महंगाई के दौर में हम अपना परिवार किस प्रकार पाल रहे है यह तो हमारे घरों पर जाकर देखा जाए लेकिन हमारी कोई सुनने वाला नहीं है। पांचवा दिन है अभी तक कोई भी अधिकारी चुने हुए जनप्रतिनिधि और सरकार का कोई भी मंत्री महोदय हमारे बीच हमारी बात को सुनने के लिए नहीं पहुंचे है।     
   अशोक सिंह परिहार तहसील अध्यक्ष भितरवार


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