- पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा से पहले अमेरिका ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर उठाए सवाल

वॉशिंगटन । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले बाइडन प्रशासन ने बड़ा हमला किया है। अमेरिकी वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूस, भारत, चीन और सऊदी अरब सहित कई देशों की सरकारें खुलेआम धार्मिक समुदाय के सदस्यों को निशाना बनाती रही हैं। विदेश विभाग ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की जो दुनिया भर के देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति का दस्तावेजीकरण करती है। इसमें मुस्लिमों के घरों पर बुलडोजर चलाने और मध्‍यप्रदेश के खरगोन में मुस्लिमों के घरों पर हमले का भी रिपोर्ट में जिक्र किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कार्यालय के विशेष राजदूत रशद हुसैन ने कहा, कई सरकारों ने अपनी सीमाओं के भीतर धार्मिक समुदाय के सदस्यों को खुले तौर पर निशाना बनाना जारी रखा है।’ रिपोर्ट दुनिया भर के लगभग 200 देशों और क्षेत्रों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति के बारे में एक तथ्य-आधारित, व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है। अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा, ‘इसका उद्देश्य उन क्षेत्रों को उजागर करना है जहां जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता का दमन किया जा रहा है और अंततः प्रगति को एक ऐसी दुनिया की ओर ले जाना है जहां धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता हर जगह हर किसी के लिए एक वास्तविकता हो।’
ब्लिंकन ने अपनी टिप्पणियों में भारत का जिक्र नहीं किया और वार्षिक रिपोर्ट में भारत के संदर्भ वाला हिस्सा पूर्व के वर्षों के समान ही है। हुसैन ने धार्मिक समुदायों को खुले तौर पर निशाना बनाने वाली सरकारों के संदर्भ में रिपोर्ट के अहम निष्कर्षों में भारत का जिक्र किया है। 
दस्तावेज के भारत खंड में कहा गया है कि इस वर्ष के दौरान कई राज्यों में धार्मिक अल्पसंख्यक सदस्यों के खिलाफ कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा हिंसा की कई रिपोर्ट सामने आई, जिसमें गुजरात में सादी वर्दी में पुलिस द्वारा अक्टूबर में एक त्यौहार के दौरान हिंदू उपासकों को घायल करने के आरोपी चार मुस्लिम पुरुषों को सार्वजनिक रूप से पीटने और मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अप्रैल में खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा के बाद मुस्लिमों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाने का मामला भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम समुदाय के पांच प्रमुख सदस्यों से उनकी चिंताओं को सुनने और मुसलमानों और हिंदुओं के बीच सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के बारे में चर्चा करने के लिए मुलाकात की।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘2021 में भागवत ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि देश में हिंदुओं और मुस्लिमों के साथ धर्म के आधार पर अलग-अलग व्यवहार नहीं करना चाहिए और गौकशी के लिए गैर-हिंदुओं की हत्या हिंदुत्व के खिलाफ है।’ 



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