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चौकी पंचायत में चरम पर भ्रष्टाचार, मनरेगा कार्यो में चल रहा घोटाला
कागजों में मजदूरों की फर्जी हाजिरी डालकर, सरपंच, सचिव व जीआरएस शासन को लगा रहे चूना, इंजीनियर भी मिली भगत में दे रहा साथ -एक तालाब पर नियम विरुद्ध लगाए उप्र झांसी के मजदूर, पंचायत के मजदूरोंं को रोजगार से सरपंच, सचिव ने किया वंचित -शशिकांत गोयल/बेजोड़ रत्न/भिंड भिण्ड। अटेर क्षेत्र की ग्राम पंचायत चौकी में मनरेगा कार्यो मेंं जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है और इस खेल में सरकारी कर्मचारी सरपंच का साथ देने में लगे हुए है और पंचायत के मजदूरों से काम ना कराकर झांसी उप्र के मजदूर बुलाकर पंचायत में मनरेगा कार्यो में ठेका दिया जा रहा है। सरपंच द्वारा नियम विरुद्ध चौकी पंचायत में काम कराया जा रहा है। फर्जी मजदूरों के नाम से मनरेगा कार्यो में फर्जी हाजिरी डालकर शासन प्रशासन को गुमराह कर सरकारी खजाने में लूट मचाकर रखी है और पंचायत के मजदूर गांव से धीरे-धीरे काम-धंधे की तलाश में पलायन कर रहे हैं जिसके बावजूद भी पंचायत में पदस्थ सचिव, जीआरएस इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सिर्फ कागजो में मजदूरों से फांवडा, तसला चलवाकर फर्जी मजदूर का मूलांकन कराकर भुगतान कर सरकारी खजाने को लूटकर अपनी जेबे भरने में लगे हुए हैं पचंायत के मजदूरों को रोजगार मिले या ना मिले इन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है सिर्फ अपनी मजदूरी का कांटा घूमना चाहिए।चौकी पंचायत में सरपंच के इशारों पर सचिव, रोजगार सहायक, इंजीनियर आंख बंदकर इस फर्जीवाड़ा, घोटाले में साथ देने में लगे हुए है तभी तो पंचायत के मजदूरों को रोजगार तो छोड़िए, मजदूरी का एक धेला भी नहीं मिल रहा है। जिसकी हकीकत पंचायत के मजदूरों ने सरपंच की पोल खोलक रख दी। चौकी पंचायत में नरेगा के तहत हो रहे कार्यो जमकर फर्जीवाड़ा चल रहा है और इस खेल में सभी की मिली भगत से कागजों में मजदूरों की फर्जी हाजिरी डालकर, सरपंच, सचिव व जीआरएस शासन को लगा रहे चूना लगा रहे हैं और इसे पास करने के लिए इंजीनियर भी कार्यवाही करने की वजह फर्जीवाड़े में साथ देने में लगा हुआ है। जल्द भ्रष्ट सचिव, जीआरएस, इंजीनियर पर कार्यवाही नहीं की गई तो मनरेगा योजना में मजदूरों को लाभ देने की बजह कागजों ही काम करते हुए नजर आयेंगे और पीएम की मंशा अधर में लटक जायेगी।
यह है पूरा मामला रिपोर्टर को सूचना मिली थी कि पंचायत में सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक की मिली भगत से पंचायत के असल मजदूर कागजों में काम कर रहे हैं और धरातल पर झांसी, उप्र की लेबर लगी हुई है। जिसकी पुष्टि करने के लिए 4 जून को बेजोड़ रत्न की टीम चौकी पंचायत मेंं धरातल की स्थिति का जायजा लेने के लिए 4 जून 2023, रविवार सुबह 10 बजे टीम पहुंची जहां सरपंच ने ''नवीन तालाब हिंगोटिया के पासÓÓ और दूसरा ''तालाब निर्माण-वीरेन्द्रसिंह के कुआ के पास दिखाया गया था, जिस समय रिपोर्टर ने कैमरे में साक्ष्य एकत्रित किये तो कोई भी गांव की लेबर मौके पर नहीं मिली। सिर्फ एक तालाब पर लगभग 12 दर्जन लोग काम कर रहे थे, जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने साफ बताया कि सरपंच ने मुझे तालाब बनाने के लिए ठेका दिया है और हम झांसी उप्र से हैं। 138 लोगों के नाम से डाली गई फर्जी हाजिरी, शासन के साथ किया छलावा ग्राम पंचायत चौकी में सरपंच के ईशारे पर सचिव, जीआरएस की मिली भगत दो तालाबों पर कुल 138 लेवर के नाम पर फर्जी मजदूरों हाजिरी लगाकर शासन-प्रशासन को गुमराह करते हुए शासन के साथ छलावा किया गया है और सरासर सरकारी खजाने में लूट करने की योजना बनायी है, ऐसे दोषी लोगों पर तुरंत कार्यवाही करते हुए पंचायत से बाहर का रास्ता दिया, जाये ताकि असल मजदूरों को पंचायत में रोजगार मिल सके। इन मजदूरों ने खोली सरपंच की पोल ग्राम पंचायत चौकी निवासी सुखलाल कुशवाह ने रिपोर्टर को बताया कि मैं खेती किसानी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता हूं, मुझे पंचायत में किसी तरह का रोजगार नहीं मिला है और ना ही मेरा किसी तरह का जॉवकार्ड है। ग्राम पंचायत निवासी श्रीमती रामकुंअर कुशवाह की पड़ताल की तो वह घर पर मिली, जिसके बाद रिपोर्टर ने उनसे पूछताछ कि अम्मा आज पंचायत में कहा काम चल रहा है तो कुछ भी नहीं बोल पाई और बोली मैं घर पर ही रहती हूं मुझे कुछ पता नहीं है। ग्राम पंचायत चौकी निवासी श्रीमती सरिता कुशवाह से जब मुलाकात की गई तो वह घर पर मिली और उन्होंने बताया कि मेरी तो डेयरी चलती है मुझे किसी तरह का काम करने की जरुरत नहीं है और पंचायत में कहां काम चल रहा है मुझे पता नहीं। ग्राम पंचायत चौकी निवासी गौरव कुशवाह से जब रिपोर्टर ने बातचीत की तो उन्होंने बताया कि मेरा किसी तरह का जॉवकार्ड नहीं बना है और पंचायत में कहां काम चल रहा है मुझे पता नहीं है सरपंच सिर्फ मेरा अंगूठा लगवाने के लिए मेरे घर आते हैं। ग्राम पंचायत चौकी निवासी दीपक कुशवाह ने बताया कि मैं अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दूध का व्यापार करते हैं और मुझे शासन से किसी तरह का लाभ नहीं मिला है और मेरा जॉवकार्ड भी नहीं बना है जिसके बाद उससे पूछा गया कि सरपंच ने आपको मजदूर बनाया है तो उसने बताया कि मेरे कागज तो लगे है और इसका क्या हुआ है मुझे पता नहीं। ग्राम पंचायत निवासी आलोक कुशवाह से बात की गई तो उसने बताया कि साहब में अमृतसर रहता हूं वहा पर ही मजदूरी करता हूं, अभी गांव घूमने के लिए आया था, क्योंकि यहां पर काम धंधा नहीं है इसलिए मजबूरी में बाहर रहता हूं। इनका कहना है: मैं कल फील्ड में गया था जल्द ही मामले की जांचकर जो भी मामले में दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। -प्रमोदसिंह तोमर, परियोजना अधिकारी, जिला भिंड
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