- सुशील मोदी ने सीएम नीतीश पर जनादेश से विश्वासघात का आरोप लगाते हुए उनके महत्व को ‎किया खा‎रिज

सुशील मोदी ने सीएम नीतीश पर जनादेश से विश्वासघात का आरोप लगाते हुए उनके महत्व को ‎किया खा‎रिज

- पीएम मोदी ने समर्थन न ‎किया होता तो जदयू की हालत बदतर होती 
पटना । बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर  जनादेश से विश्वासघात का आरोप लगाते हुए उनके महत्व को खा‎रिज कर ‎दिया।  श्री मोदी ने कहा  कि भाजपा ने नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही पीठ में छुरा भोंककर जनादेश से विश्वासघात किया इसलिए अब हमें उनकी आवश्यकता नहीं है।
 
bjp leader Sushil Modi allegation bihar cm Nitish Kumar does not have  courage to face PM narendra Modi - सुशील मोदी का आरोप, नीतीश कुमार में पीएम  मोदी का सामना करने की
शुक्रवार को जारी बयान में सुशील मोदी ने बताया कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को 44 और भाजपा को उससे ज्यादा 75 सीटें मिलने के बाद भी चुनाव-पूर्व वादे का पालन करते हुए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाना क्या ‘पीठ में छुरा भोंकना है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का जनाधार लगातार घट रहा है। उनके नेतृत्व में जदयू को 2010 में 115 , 2015 में 75 और 2020 में 44 सीटें मिलीं। यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जदयू के लिए भी वोट न मांगे होते, तो पार्टी की हालत और खराब होती। इसका आभार मानने के बजाय जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह रोज प्रधानमंत्री और भाजपा को कोसते हैं। 
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लोग देख रहे हैं कि किसने किसकी पीठ में छुरा भोंका और किसने पलटी मारी। भाजपा सांसद ने कहा कि क्या नीतीश कुमार इतने कमजोर हो गए हैं कि चिराग पासवान उनकी पार्टी को 44 सीट पर उतार दे। उन्होंने कहा कि किसी पर आरोप लगाने से पहले जदयू को अपनी जमीन देखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले साल विधानसभा के तीन में से दो उपचुनाव भाजपा ने जीते और मोकामा में पार्टी 60 हजार वोट पाकर दूसरे स्थान पर रही। नीतीश कुमार अपना वोट ट्रांसफर नहीं करा पाए। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा, आरसीपी सिंह और जीतनराम मांझी ने जदयू का साथ छोड़ दिया। उनके दर्जन-भर नेता भाजपा में आए, लेकिन भाजपा छोड़ कर कोई नहीं गया। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार की पार्टी विलय या विघटन के कगार पर खड़ी है, तब भाजपा को उनकी कोई आवश्यकता नहीं है।
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