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देश में अनाज की ज़रूरत और उत्पादन के अंतर को पूरा करने की ज़िम्मेदारी सहकारी संस्थाओं की: गृहमंत्री शाह
नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के गांधीनगर जिले के कलोल में इफको के नैनो डीएपी (तरल) संयंत्र का लोकार्पण किया। गृहमंत्री अमित शाह ने देशवासियों को दशहरा की शुभकामनाएं दी औरकहा कि आज दशहरा का दिन है जो अपनी संस्कृति में असत्य पर सत्य की विजय का दिन है। उन्होंने कहा कि आज के ही दिन प्रभु श्री राम ने रावण का वध किया था और आज ही के दिन महिषासुर का भी वध हुआ था।उन्होंने कहा कि आज महान स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन लक्ष्मी सहगल की जयंती भी है।
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ मिलकर आज़ाद हिन्द फ़ौज में कैप्टन लक्ष्मी सहगल ने बड़ी बहादुरी से आज़ादी की लड़ाई का नेतृत्व किया।
अमित शाह ने कहा कि आज गुजरात सहित पूरे पश्चिम भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है कि आज गांधीनगर जिले के कलोल में इफको के नैनो डीएपी (तरल) संयंत्र का लोकार्पण हुआ है। सहकारिता मंत्री ने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी में भारत को विश्व में सर्वप्रथम ले जाने के लिए इफको की टीम को बधाई देते हुए
कहा कि भारत जैसी उपजाउ भूमि, सुजलाम सुफलाम धरती, कृषि प्रधान देश, इतनी बडी खेती लायक भूमि, तीन से चार फसलों के लिए उपयुक्त आबोहवा दुनिया में कहीं और नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां 75 साल में हमने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि किसान हर महीने खेती कर सके। देश में अनाज की ज़रूरत और उत्पादन के अंतर को पूरा करने की ज़िम्मेदारी भारत की सहकारी संस्थाओं की है। उन्होंने कहा कि दस साल बाद जब कृषि क्षेत्र में हुए सबसे बड़े प्रयोगों की लिस्ट बनेगी तब इफ़को के नैनो यूरिया और नैनो डीएपी उसमें शामिल होंगे। श्री शाह ने कहा कि समय की ज़रूरत है कि यूरिया का उपयोग घटा कर प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ा जाए लेकिन साथ ही उत्पादन बढ़ाने की भी आवश्यकताहै।
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