- पंथ और संप्रदाय अलग हो सकते हैं लेकिन धर्म शाश्वत है: मोहन भागवत

पंथ और संप्रदाय अलग हो सकते हैं लेकिन धर्म शाश्वत है: मोहन भागवत

सहारनपुर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि धर्म सभी को ‎मिलजुलकर रखता है। सारी दुनिया का धर्म एक है। पंथ और संप्रदाय अलग हो सकते हैं लेकिन धर्म शाश्वत है। इसका अंत होगा, तो सृष्टि समाप्त हो जाएगी। संत भी अलग-अलग संप्रदाय के होते हैं लेकिन अंदर से सब एक हैं। अंदर और बाहर से पवित्रता जरूरी है। संघ के सर संघचालक हाल ही में यहां कस्बा सरसावा में श्री कृष्ण ज्ञान मंदिर के रजत जयंती महोत्सव एवं श्रीकृष्ण मंदिर के भूमि पूजन समारोह में मुख्यातिथि के रूप में शामिल होने आए थे। 

अपडेट) सारी दुनिया का धर्म एक, धर्म का अंत होगा तो समाप्त हो जाएगी सृष्टि : मोहन  भागवत

इस दौरान उन्होंने भूमि पूजन करवाया। उन्होंने धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि सम्प्रदाय और पंथ अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन सभी का धर्म एक हैं। धर्म की रक्षा करोगे, तो धर्म हमारी रक्षा करेगा। श्रीमद् भागवत गीता में भारत के जीवन का सार है जिसमें कहा गया है कि कुशलतापूर्वक काम करो। जो भी करो उत्तम करो। 
ये भी जानिए...................

भारत पूरी दुनिया को धर्म की राह दिखा रहा : मोहन भागवत - Main Media
जीवन में किसी भी स्थिति से भागना नहीं है। डटकर मुकाबला करना है। स्थिति बदलती रहती है। व्यक्ति को श्रद्धा, दान और त्याग की भावना रखनी होगी। जो भी करो वह उत्तम होना चाहिए। जीवन में आने वाली परिस्थितियों से भागना नहीं है, इनका मुकाबला करो। यदि भाग गए तो जिंदा होते हुए भी मौत के समान है। प्रकृति के साथ चलें, यह धर्म की आवश्यकता है। दुनिया में ऐसे भी लोग हैं, जो दुष्ट हैं, उनसे घबराना नहीं है। हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है। सभी को साथ लेकर चलें। संत समाज ने भी पंथ को अलग किया है, लेकिन धर्म में कोई भी भेद नहीं कर सकता है। पहले सनातन संस्कृति और धर्म की स्थापना हुई, उसके बाद ही पंथ और सम्प्रदाय बने। सम्प्रदाय का अर्थ देना है और धर्म सभी को जोड़कर चलने की शिक्षा देता है।
पंथ, संप्रदाय अलग-अलग लेकिन पूरी दुनिया का धर्म एक- बोले RSS प्रमुख मोहन  भागवत - creeds and sects are different but the religion of the whole world  is one-mobile

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag