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किसानों से समर्थन मूल्य पर नहीं हो रही कपास की खरीदी
शर्तो के साथ कपास की खरीदी
भोपाल । भारतीय कपास निगम मध्य प्रदेश में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की खरीदी नहीं कर रहा है। मध्य प्रदेश के किसान यहां से वहां भटक रहे हैं। मध्य प्रदेश के किसानों से आधार कार्ड,बैंक खाता का नंबर बी 1 की खसरा नकल मांगी जा रही है। किसानों के पास बी 1 खसरा की नकल नहीं होने पर किसानों से कपास की खरीदी नहीं की जा रही है। किसानों के पास ऋण पुस्तिका है खसरा में भी उनका नाम चढ़ा हुआ है उसके बाद भी वी1 की शर्त लगाकर किसानों से कपास नहीं खरीदी जा रही है। इसी तरह जिन किसानों के बैंक खाते में मोबाइल नंबर लिंक नहीं है। उनके कपास की भी खरीदी निगम द्वारा नियुक्त एजेंसी द्वारा नहीं की जा रही है।
कपास खरीदी के लिए भारतीय कपास निगम ने इस बार नए नियम बना दिए हैं। मध्य प्रदेश में पटवारी की हड़ताल चल रही थी। जिसके कारण गोदावरी नहीं हुई। कपास की फसल ऑनलाइन पोर्टल पर भी दर्ज नहीं हुई है। जिसके कारण किसान समर्थन मूल्य पर कपास की फसल को बेचने के लिए यहां से वहां चक्कर लगा रहे हैं। किसान संगठन कपास की खरीदी नहीं करने का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि भारत सरकार ने किसानों की सुध ली है। समर्थन मूल्य पर कपास की खरीदी करने का प्रावधान किया है। भारतीय कपास निगम ने कपास की खरीदी के लिए जिन एजेंसियों को नियुक्त किया है। वह तरह-तरह के कानून बनाकर किसानों को प्रताड़ित कर रहे हैं। कपास खरीदी के नाम पर बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है।
सिंचित और असंचित दोनों तरह से होती है। मध्य प्रदेश के खरगोन, बड़वानी,खंडवा, बुरहानपुर और मनावर जिले में सबसे ज्यादा कपास की खेती होती है। धार,झाबुआ, रतलाम,देवास जैसे जिलों में भी किसान कपास की फसल का उत्पादन करते हैं। समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं किए जाने के कारण किसानों में भारी रोष देखने को मिल रहा है। किसानों द्वारा यह भी कहां जा रहा है कि किसानों को भटका कर एजेंटीयों द्वारा कपास की खरीदी में भारी गोलमाल किया जा रहा है।
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