नागपुर । इजरायल और हमास के बीच 1 महीने से ज्यादा समय से जंग जारी है, जिसकी खत्म होने की संभावना भी नहीं दिखती। युद्धग्रस्त इलाके में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वतन वापसी के लिए सरकार ने ऑपरेशन अजय चलाया था। एक अनुमान के मुताबिक इजरायल में करीब 18000 भारतीय थे। लेकिन नागपुर के अंकुश जायसवाल की पत्नी शिवान जैकब जायसवाल और साढ़े तीन साल का बेटा एविएल इजरायल से भारत वापसी नहीं आ सके थे। अब उन्होंने सरकार से अपने परिवार को युद्धग्रस्त क्षेत्र से बाहर निकालने की गुहार लगाई है। जायसवाल ने बताया कि भारतीय पासपोर्ट नहीं होने के कारण उनकी पत्नी और बेटा ऑपरेशन अजय में देश नहीं लौट सके थे और तेल अवीव में ही फंस गए थे। उनके मुताबिक पत्नी और बेटे के पास इजरायली पासपोर्ट है। अंकुश जयसवाल ने बताया कि उनकी पत्नी और बेटा रिश्तेदारों से मिलने के लिए जनवरी में इजरायल गए थे, लेकिन 7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद बेनी ब्राक (तेल अवीव के पूर्व में) में फंस गए हैं।
अंकुश ने कहा, मेरी पत्नी और बेटे को सरकार के ऑपरेशन अजय के तहत इजरायल से नहीं निकाला जा सका, क्योंकि उनके पास उस देश का पासपोर्ट है और ये उड़ानें भारतीय नागरिकों के लिए थीं। मेरी पत्नी भारत की एक प्रवासी नागरिक हैं। भारत दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता है, जबकि इजरायल देता है। दरअसल, भारत में दोहरी नागरिकता का का प्रावधान नहीं है। यदि कोई भारतीय किसी दूसरे देश का पासपोर्ट हासिल कर लेता है, तब उसकी नागरिकता स्वत: रद्द हो जाती है और वह उसे देश का नागरिक माना जाता है, जिसका पासपोर्ट उसके पास है।
अंकुश ने दावा किया कि उनकी पत्नी ने विवाह प्रमाण पत्र, अपने बच्चे से संबंधित दस्तावेजों के साथ-साथ उनके (पति) पासपोर्ट विवरण के साथ इजरायल में भारतीय दूतावास से संपर्क किया था। अंकुश ने कहा कि उनकी पत्नी ने ऑपरेशन अजय के प्रभारी अधिकारियों से भी संपर्क किया था, लेकिन उन्हें बताया गया कि सिर्फ भारतीय पासपोर्ट वालों को ही उड़ान भरने की मंजूरी दी जाएगी। मैं अपने बच्चे और पत्नी की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं।