- बरी हुए मंत्री की फिर खुली फाइल,  सीजेआई चंद्रचूड़ ने की हाईकोर्ट के जज की तारीफ

बरी हुए मंत्री की फिर खुली फाइल,  सीजेआई चंद्रचूड़ ने की हाईकोर्ट के जज की तारीफ


नई दिल्ली । तमिलनाडु सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के. पोनमुदि और उनकी पत्नी की फाइल एक बार ‎‎फिर खुल गई है। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के पुराने मामले को दोबारा उठाने पर सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई ने मद्रास हाईकोर्ट के जज की जमकर तारीफ की है। साथ ही कहा कि शुक्र है कि आपके जैसे जज भी हैं। शीर्ष न्यायालय ने जज की तरफ से दाखिल कारणों को सही माना और मंत्री की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। जानकारी के मुता‎बिक उच्च न्यायालय के जस्टिस एन आनंद वेंकटेश की ओर से एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें मंत्री पोनमुदि और उनकी पत्नी के मामले को ट्रायल कोर्ट में ट्रांसफर करने और बाद में उनके बरी होने के मुद्दे को उठाया गया था। अब मंत्री ने याचिका के जरिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी ओर से कोर्ट में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी पेश हुए।

CJI DY Chandrachud Said If We Cant Protect Civilians What Are We Sitting  Here Doing Ann | 'हम नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा नहीं कर सकते  तो...', कानून मंत्री के बयान

 

इस मामले में जस्टिस वेंकटेश की ओर से कारण भी बताए गए कि उन्होंने मंत्री और उनकी पत्नी के खिलाफ आपराधिक पुनरीक्षण का मामला क्यों शुरू कराया है। खास बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी जस्टिस की ओर से बताए गए कारणों को सही माना है। बेंच ने कहा ‎कि हमें ऐसा लगता है कि जज एकदम सही हैं। यह एक सही आदेश है। भगवान का शुक्र है कि हमारे पास ऐसे जज हैं। इस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश  डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा ‎कि शुक्र है कि हमारे पास सिस्टम में जस्टिस आनंद वेंकटेश जैसे जज हैं। चीफ जस्टिस हाईकोर्ट के ने ट्रायल को एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसफर किया, ले‎किन मुख्य न्यायाधीश के पास यह ताकत आई कहां से? और अंत में ट्रायल की वजह से वे बरी हो गए।

सुलभ न्याय के लक्ष्य के लिए बुनियादी सुविधाओं का मिलना जरूरी: CJI - delhi  high court s block cji chandrachud arvind kejriwal ntc - AajTak

ये भी जानिए..................

- प्रधानमंत्री मोदी ने की ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी से बात

CJI DY Chandrachud: 'हड़ताल से न्याय पाने वाले प्रभावित होते हैं न कि वकील  और जज': चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ - Chief Justice DY Chandrachud said  Justice seekers are affected by the

सीजेआई के अलावा बेंच में जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल रहे। बेंच ने मंत्री की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। मंत्री और उनकी पत्नी के खिलाफ केस साल 1996 और 2001 के बीच का है। उस दौरान पोनमुदि डीएमके सरकार में परिवहन मंत्री थे। उनपर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे थे और साल 2002 में डायरेक्टोरेट ऑफ विजिलेंस एंड एंटी करप्शन यानी डीवीएसी की तरफ से केस दर्ज किया गया था। शुरुआत में ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट से पोनमुदि को राहत मिल गई थी, लेकिन साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने डिस्चार्ज ऑर्डर को रद्द कर दिया था। इसके बाद साल 2015 में पोनमुदि और अन्य के खिलाफ फिर आरोप तय किए गए। अब बीते साल चीफ जस्टिस मुणीश्वर नाथ भंडारी की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद मंत्री के खिलाफ जारी ट्रायल को विल्लुपुरम से वेल्लूर लाया गया।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने वकीलों की हड़ताल को खारिज किया, बातचीत और समझ का आह्वान  किया | CJI Chandrachud Disapproves Lawyers Striking, सीजेआई चंद्रचूड़, वकील  हड़ताल

 

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag