भोपाल । मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने शिवराज सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी ‘गारंटी‘ दे रहे हैं। दूसरी तरफ, प्रदेश में हुए अरबों रुपयों के प्रामाणिक घोटालों पर चुप्पी साध कर रखी है। राजनैतिक दबाव और प्रभाव के कारण भ्रष्टाचारी मौज कर रहे हैं और उन्हें पैसा देने वाले जेल में हैं।
मिश्रा ने आजीविका मिशन के सीइओ का दायित्व निभा रहे एमएल बेलवाल के त्यागपत्र मामले को उठाते हुए कहा कि उनका इस्तीफा कमलनाथ सरकार के आने का भय है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज से सवाल किया है कि यदि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर जीरों टारलेंस है तो राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर महापौर के कार्यकाल में वृद्धावस्था, दिव्यांगों, विधवाओं और असहाय बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन राशि में 33 करोड़ रुपए के हुए घोटालों को संरक्षित क्यों किया?
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केके मिश्रा ने इसी तरह से विधानसभा चुनावों में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि वे राजनैतिक दबाव वश कांग्रेस पार्टी द्वारा अब तक की गई 300 शिकायतों के बावजूद भी एक भी शिकायत पर कोई निर्णय नहीं ले पाए हैं और न ही वे भाजपा से संबंधित किसी उम्मीदवार को कानूनी नोटिस देकर उनसे जवाब मांगने की हिम्मत जुटा पाए हैं।
मिश्रा ने कहा कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे एक संवैधानिक संस्था के मुखिया हैं और किस मजबूरी के तहत वे अपने आपको असहाय महसूस कर रहे हैं।