नई दिल्ली । दिल्ली सरकार में मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे से जुड़ा भ्रष्टाचार का मामला गरमा गया है। केजरीवाल सरकार में विजिलेंस मंत्री आतिशी सिंह ने शुरुआती जांच के बाद मुख्यमंत्री को 650 पन्ने की प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट में चीफ सेक्रेटरी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि मंत्री की रिपोर्ट में सीएस पर अपने बेटे को गलत फायदा पहुंचाने का आरोपी पाया गया है। जानकार इसे हितों के टकराव के रूप में भी देखा जा रहा है।
बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास द्वारका एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण को लेकर अनियमितता बरतने जाने की शिकायत की गई थी। इस मामले में केजरीवाल ने सतर्कता मंत्री आतिशी सिंह को जांच करने का निर्देश दिया था। आरोप लगाया गया कि मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे को एक ऐसे व्यक्ति के रिश्तेदार ने नौकरी पर रखा है, जिसे एक सडक़ परियोजना के लिए अधिग्रहीत जमीन के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा दिया गया। दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित की जा रही बामनोली में 19 एकड़ जमीन की कीमत इस साल मई में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट (दक्षिण पश्चिम) हेमंत कुमार ने 41 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 353 करोड़ रुपये कर दी थी. बाद में इस मामले में गृह मंत्रालय ने हेमंत कुमार को निलंबित कर दिया था।
सूत्रों के मुताबिक, विजिलेंस की शुरुआती जांच में पाया कि प्रथम दृष्टया चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने बेटे की कंपनी को 850 करोड़ का गलत तरीके से फायदा पहुंचाया है. सीएस नरेश के बेटे की कंपनी ने द्वारका एक्सप्रेसवे के पास 2015 में एक जमीन मात्र 75 लाख में खरीदी थी. अब महंगे रेट पर भूमि अधिग्रहण हुआ है. कंपनी को 850 करोड़ का नाजायज फायदा पहुंचा है. सूत्र यह भी बताते हैं कि चीफ सेक्रेटरी ने बेटे की कई अन्य कंपनियों को भी सरकारी ठेके दिये थे. इन कंपनियों की भी जांच होगी. इससे पहले शनिवार को सतर्कता मंत्री आतिशी ने मामले से जुड़ी फाइलें तलब की थीं. अधिकारियों ने बताया कि मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि मामले से संबंधित फाइलों को मुख्य सचिव के जरिए नहीं भेजा जाना चाहिए क्योंकि वो जांच के दायरे हैं.
दिल्ली सरकार के मंडलायुक्त अश्विनी कुमार ने सोमवार को शहर के शीर्ष अधिकारियों का बचाव करने के लिए एक प्रेस वार्ता आयोजित की. उन्होंने भूमि अधिग्रहण मुआवजा मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार बताए और और इसे गंदी राजनीति का हिस्सा करार दिया. संभागीय आयुक्त ने दावा किया कि मुख्य सचिव के खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों का उद्देश्य उनका चरित्र हनन करना है. क्योंकि वो भ्रष्टाचार के मामलों में सक्रिय रूप से कार्रवाई कर रहे हैं.