नई दिल्ली । दिल्ली सरकार में मुख्य सचिव नरेश कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा है कि जब रिपोर्ट की कॉपी ही साझा नहीं की गई है तो कोई किस आधार पर इसका जवाब देगा या रिपोर्ट करेगा? किसी के पास रिपोर्ट है तो उसे सीबीआई के पास भेज दे ताकि सच सामने आ सके। दिल्ली सरकार में मुख्य सचिव नरेश कुमार ने विजिलेंस मंत्री आतिशी की प्राथमिक जांच रिपोर्ट पर एक बयान जारी किया है। नरेश कुमार ने मंगलवार को बयान जारी करते हुए कई तीखे सवाल भी किए हैं।
उन्होंने पूछा कि क्या किसी ने मंत्री की 650 पेज की रिपोर्ट पढ़ी है? उन्होंने कहा कि रिपोर्ट की कॉपी साझा नहीं की गई है तो कोई किस आधार पर इसका जवाब देगा या फिर रिपोर्ट करेगा। नरेश कुमार की ओर से कहा गया है कि उन्होंने 2022 में बतौर मुख्य सचिव ज्वाइन किया। अगर जमीन मालिकों ने 2015 में केवल मार्केट रेट के 7 फीसदी पर ही जमीन खरीद ली थी तो मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री और विजिलेंस मंत्री और अन्य संबंधित अधिकारियों ने अब तक क्या किया?
उन्होंने कहा, हेमंत कुमार के खिलाफ भारत सरकार ने पहले ही सीबीआई जांच का आदेश दे चुकी है। अगर किसी के पास यह रिपोर्ट है तो वह सीबीआई को भेजें ताकि सच सामने आ सके। क्या हेमंत कुमार के राजनीतिक आका और दूसरे निहित स्वार्थ वाले लोग उसे बचाने के लिए कवर अप करने में लगे हैं? क्या उनको डर है कि हेमंत कुमार सीबीआई के सामने सच उगल देगा? मुख्य सचिव ने कहा है कि उन्हें निहित स्वार्थों के चलते बदनाम करने की हो रही साजिश की भी जांच सीबीआई और ईडी से होने दीजिए। इसके साथ-साथ उन्होंने मीडिया से भी तथ्यों व सबूतों के बिना कुछ भी प्रकाशित नहीं करने की अपील की है। दरअसल, नरेश कुमार पर आरोप है कि उन्होंने भूमि अधिग्रहण में हेराफेरी करते हुए अपने बेटे को 315 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया है।