नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने करीब एक सदी पुराने रोशनआरा क्लब को फिर से खोलने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी, जिसे इस साल सितंबर में दिल्ली विकास प्राधिकरण ने सील कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि उसने पहले ही डीडीए को इसे चलाने के लिए एक योजना तैयार करने का निर्देश दे दिया है। तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा नौ नवंबर को पारित एक आदेश में कहा गया
कि उच्चतम न्यायालय ने भी पूर्व प्रबंधन के कब्जे को बहाल करने से इनकार कर दिया है। क्लब के संचालन का मुद्दा पहले से ही उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने अदालत क्लब के कुछ सदस्यों द्वारा 29 सितंबर को परिसर को सील करने के फैसले को असंवैधानिक करार देने और क्लब, उसके सदस्यों और कर्मचारियों के मौलिक और वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करने वाला घोषित करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
अब अदालत ने इस मामले को सुनवाई के लिए 7 दिसंबर को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। दिल्ली विकासप्राधिकरण के अधिकारियों ने 29 सितंबर को रोशनआरा क्लब को सील कर दिया था। साथ ही इसका कब्जा अपने हाथ में ले लिया था। डीडीए द्वारा क्लब को ‘बेदखली नोटिस’ दिए जाने के लगभग छह महीने बाद यह कार्रवाई की गई, क्योंकि इसके पट्टे की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी थी। बता दें कि रोशनआरा ऐतिहासिक क्लब की स्थापना 15 अगस्त 1922 को की गई थी। पिछले साल इसके स्थापना के 100 साल पूरे हुए थे। बता दें कि रोशनआरा क्लब पर कंट्रोल को लेकर लंबे अरसे से विवाद जारी है। अब यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में विचाराधीन है।