अगले दो दिनों के आंकड़े 9,17,823 और 8,81,550 लीटर थे। उन्होंने कहा कि पिछले साल 13, 14 और 15 नवंबर को शराब की बिक्री क्रमश: 7,42,092 लीटर, 7,71,331 लीटर और 7,67,273 लीटर थी।शराब की बिक्री में बढ़ोतरी को कमतर आंकने की कोशिश करते हुए अधिकारी ने कहा कि हर साल इसमें करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में मप्र में शराब की दुकानों की नीलामी 11,700 करोड़ रुपये में की गई थी, जो चालू वित्त वर्ष में 12,800 रुपये में की गई क्योंकि उन्हें मांग में 10 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
उन्होंने कहा कि चूंकि दिवाली 12 नवंबर को थी। इसलिए त्योहारी सीजन के कारण शराब की बिक्री बढ़ गई। अधिकारी ने कहा कि हमने चुनाव के मद्देनजर पिछले तीन महीनों से शराब की बिक्री पर नजर रखी थी। चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार, अगर किसी दुकान से शराब की बिक्री 30 फीसदी बढ़ जाती है तो हम कठोर कदम उठाते हैं। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पूरे मप्र में 15 नवंबर शाम छह बजे अधिकारियों द्वारा 48 घंटे के लिए शराब की दुकानें सील कर दी गई थीं, जो शुक्रवार शाम को राज्य की 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान खत्म होने के बाद फिर से खुल गई।