नई दिल्ली । दिल्ली नगर निगम ने सभी वार्डों में साफ-सफाई, रोशनी आदि से जुड़ी शिकायतों और उसके निवारण के लिए एमसीडी ऐप 311 की शुरुआत की थी। लेकिन, यह ऐप लोगों की ओर से बड़ी संख्या में इस्तेमाल न किए जाने की वजह से उतनी कारगर साबित नहीं हो पाई। इसके बाद एमसीडी ने अपने इलाकों में साफ-सफाई से लेकर पार्कों की मरम्मत और सड़कों की सही स्थिति जानने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की सहायता लेनी शुरू की है।
फिलहाल इस परियोजना को पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है। इसके तहत एक एजेंसी के माध्यम से एमसीडी तीन वार्डों पटेल नगर, कोटला मुबारकपुर और प्रीत विहार की समस्याओं का हल करेगी। एमसीडी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिये शिकायतों के समाधान के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रशिक्षण की तैयारी कर ली है।
एमसीडी के एक अधिकारी ने बताया कि, इसके लिए एक एजेंसी को 15.50 लाख रुपये की लागत से कार्य दिया है। एजेंसी अपने कर्मियों की ओर से तीनों वार्ड में 150-150 किलोमीटर की रिपोर्ट देगी। इसमें बताया जाएगा कि वार्ड में कहां सड़क खराब है, कहां स्ट्रीट लाइट ठीक नहीं है, कहां पार्क की बाउंड्री वाल खराब है, कहां रेडलाइट दिखाई नहीं देती है आदि जैसे लगभग 12 श्रेणियों में जो शिकायतें आएंगी, अधिकारी उसका मौके पर ही समाधान करेंगे। अधिकारी ने बताया कि अभी तक निगम के एमसीडी 311 ऐप पर आने वाली शिकायतों की इस तरह से निगरानी की जाती थी, लेकिन वह ज्यादा कारगर साबित नहीं हो रही है, इसलिए निगम ने वार्ड के गहन अध्ययन और उसकी समस्याओं के हल के लिए इस पायलट प्रॉजेक्ट की शुरुआत की है।