- केरल की नर्स को यमन में फांसी की सजा सुनाई,मां ने कोर्ट से लगाई न्याय की गुहार

केरल की नर्स को यमन में फांसी की सजा सुनाई,मां ने कोर्ट से लगाई न्याय की गुहार


नई दिल्‍ल। केरल की रहने वाली एक नर्स निमिषा प्रिया को हत्या के मामले में यमन की सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। प्रिया पर आरोप है कि उसने यमन नागरिक को इंजेक्शन देकर मार डाला। भारत में प्रिया के परिजनों ने दिल्‍ली हाई कोर्ट का रुख किया। केंद्र सरकार की तरफ से अदालत को यह जानकारी दी गई कि यमन में सर्वोच्च न्यायालय ने 13 नवंबर को एक यमनी नागरिक की हत्या के लिए दी गई मौत की सजा के खिलाफ मलयाली नर्स निमिषा प्रिया की अपील खारिज कर दी थी। पेश मामले में अब अंतिम निर्णय यमन के राष्ट्रपति पर निर्भर है।निमिषा प्रिया की मां द्वारा हाई कोर्ट में दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ‘ब्लड मनी’ का भुगतान करके पीड़ित परिवार के साथ बातचीत करने के लिए यमन की यात्रा करने की अनुमति मांगी गई थी। हाई कोर्ट ने मां की यमन यात्रा के अनुरोध पर केंद्र से एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने को कहा। बता दें कि निमिषा प्रिया साल 2017 में यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या की दोषी है।

Blood money only option left to save Kerala nurse on death row in Yemen,'  says lawyer

महदी के कब्जे से अपना पासपोर्ट छुड़ाने के लिए प्रिया ने उसे इंजेक्शन में नशीला पदार्थ दे दिया था। बेहोशी की दवा के ओवरडोज से महदी की मौत हो गई। प्रिया की मां ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और भारतीय नागरिकों के लिए यात्रा प्रतिबंध के बावजूद यमन की यात्रा करने की अनुमति मांगी। उन्‍होंने बताया कि अपनी बेटी की जान बचाने के लिए वो यमन में मृतक के परिवार से “ब्लड मनी” पर बातचीत करना चाहती हैं। ब्लड मनी से तात्पर्य किसी अपराधी या उसके परिजनों द्वारा पीड़ित के परिवार को दिए जाने वाले मुआवजे से है। प्रिया और उसकी सहकर्मी हनान (यमिनी नागरिक) ने महदी के शव को पानी की टंकी में फेंकने से पहले काट दिया था। प्रिया को 2018 में मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। हनान को आजीवन कारावास की सजा दी जा चुकी है।

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आठ साल के बच्चे की मां प्रिया 2011 से यमन के सना में काम करती थी। इसी बीच प्रिया के पति भारत आ गए थे लेकिन छुट्टी नहीं मिलने के कारण प्रिया को वहीं रुकना पड़ा। इसी बीच प्रिया के संपर्क में तलाल अब्दो महदी आ गए। जानकारी के मुताबिक दोनों मिलकर एक अस्पताल खोलना चाहते थे। इसी बीच दोनों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। जिस पर मृतक अब्दो ने प्रिया का पासपोर्ट अपने पास रख लिया। प्रिया भारत आना चाहती थी जिसके लिए उसे पासपोर्ट की जरुरत थी। प्रिया नशीला इंजेक्शन देकर मृतक से पास लेना चाहती थी,लेकिन ओवरडोज की कारण अब्दो की मौत हो गई। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार के वकील ने हाई कोर्ट में कहा कि हाल ही में जारी एक अधिसूचना के अनुसार, यात्रा प्रतिबंध में ढील दी जा सकती है और भारतीय नागरिकों को विशिष्ट कारणों और अवधि के लिए यमन की यात्रा करने की अनुमति दी जा सकती है। 

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