यमुना नदी में उच्च फॉस्फेट सामग्री के कारण होता है जहरीला झाग
नई दिल्ली । दिल्ली के कालिंदी कुंज सहित कई घाटों पर सोमवार को छठ पूजा समारोह के दौरान श्रद्धालु यमुना नदी के प्रदूषित पानी में अर्घ्य देने को मजबूर हुए। यमुना नदी की सतह पर जहरीले फोम की एक गहरी परत देखने को मिली, जिसमें घुटनों तक खड़े होकर श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया।
जहरीला झाग यमुना नदी में उच्च फॉस्फेट सामग्री के कारण होता है, जो त्वचा और सांस संबंधी समस्याओं की वजह बन सकती हैं। इस बीच देश भर में भक्तों ने सोमवार सुबह अर्घ्य दिया और अपना 36 घंटे का उपवास तोड़ा, जिससे चार दिवसीय छठ पूजा उत्सव का समापन हुआ। छठ का चार दिवसीय त्योहार शुक्रवार से शुरू हुआ और इसे पवित्रता, सद्भावना और आस्था का त्योहार माना जाता है। छठ पूजा एक ऐसा त्योहार है जिसमें भक्त डूबते और उगते सूर्य की पूजा करते हैं और उन्हें अर्घ्य देते हैं। छठ पूजा हर साल बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बंगाल जैसे राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाई जाती है।
हालांकि दिल्ली-एनसीआर में भी छठ धूमधाम से मनाया जाता है, जहां इन राज्यों के लोगों का एक बड़ा वर्ग रहता है। हर बार दिल्ली में छठ से पहले यमुना नदी को साफ करने के दावे किए जाते हैं, मगर हकीकत में कुछ और ही नजर आता है। दिल्ली में छठ पूजा करने वाले श्रद्धालुओं को हर बार यमुना नदी के जहरीले झागवाले पानी में खड़ा होने को मजबूर होना पड़ता है।