नई दिल्ली । वर्ल्डकप 2023 के लिए नॉकआउट स्टेज पर पहुंचकर टीम इंडिया लड़खड़ा गई। यही वजह रही कि टीम को जरा सा भी इतराने का मौका नहीं मिला। करीब डेढ़ माह के सफर का समापन, फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम की हार के साथ हुआ। टीम इंडिया के प्लेयर्स के साथ करोड़ों फैंस के लिए भी यह हार दिल को तोड़ने वाली रही। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली 6 विकेट की इस हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा और टीम के कुछ प्लेयर्स को तो मैदान पर रोते हुए देखा गया। इस हार ने एक तरह से पूरे टूर्नामेंट में टीम इंडिया के जांबाजों के प्रदर्शन की याद को ‘धुंधला’ कर दिया। रोहित शर्मा ब्रिगेड ने पूरे वर्ल्डकप 2023 में गेंद और बल्ले से अपने प्रदर्शन के जरिये क्रिकेट दिग्गजों को चौंकाया और फैंस को जश्न मनाने के बेतहाशा लम्हे उपलब्ध कराए लेकिन नॉकआउट स्टेज में पहुंचकर लड़खड़ाने की प्रवृत्ति एक बार फिर उसके और खिताबी जीत के आड़े आ गई।
ये भी जानिए..........
यह हकीकत मौजूदा वर्ल्डकप की ही नहीं, बल्कि पिछले तीन वर्ल्डकप से इसी तरह की कहानी दोहराई जा रही है। पूरे टूर्नामेंट में अच्छे प्रदर्शन के बाद नॉकआउट स्टेज (सेमीफाइनल या फाइनल) में एक दिन का खराब प्रदर्शन टीम पर भारी पड़ता है और टीम को बाहर का रास्ता देखना पड़ता है। इसका दोष किस्मत के साथ बड़े मैच के ‘प्रेशर’ में बिखरने को दिया जा सकता है। वर्ष 2011 का वर्ल्डकप जीतने के बाद वर्ष 2015 और 2019 के वर्ल्डकप में टीम के सफर का अंत सेमीफाइनल में हार के साथ हुआ जबकि 2023 के फाइनल में हार के साथ उसके अभियान का आंसुओं से भरा समापन हुआ। वर्ष 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी के बाद भारत ने कोई आईसीसी खिताब नहीं जीता है।
पिछले तीन वनडे वर्ल्डकप की बात करें तो ओवरऑल रिकॉर्ड भारतीय टीम और इसके फैंस को इतराने का दिया है लेकिन टीम के अभियान का नॉकआउट स्टेज में अंत भारी सदमा पहुंचाने वाला रहा है। पिछले तीन वर्ल्डकप (2015,2019 और 2023) में भारतीय टीम को अपने 28 मैचों में से केवल चार में हार मिली है, लेकिन इन चार हार में से तीन नॉकआउट स्टेज की है। इन तीन हारों के बाद भारतीय टीम की चुनौती खत्म हो गई। प्रदर्शन के लिहाज से टीम इंडिया के लिए एक ‘खराब’ दिन के बाद वर्ल्डकप चैंपियन बनने के लिए अब चार साल और इंतजार करना पड़ेगा।