- पर्यावरण संकट का एकमात्र उपाय देशी गौ पालन : मोहन भागवत

पर्यावरण संकट का एकमात्र उपाय देशी गौ पालन : मोहन भागवत


-दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र में हुआ प्रशा‎निक भवन का लोकार्पण


मथुरा । राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि बढ़ते पर्यावरण संकट का एकमात्र उपाय देशी गाय का पालन कारना है। दीनदयाल गौ ग्राम परखम में प्रारंभ किये गये दीनदयाल गौ विज्ञान अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र, प्रशासनिक भवन कक्षाओं एवं बायो गैस जनरेटर का लोकार्पण करने के बाद डॉ भागवत ने उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि गो पालन करने वाला किसान कर्ज मुक्त हो जाता है क्योंकि गाय का गोबर एवं गोमूत्र धरती की उर्वरा शक्ति बढ़ा देते हैं। आज प्रमाण देने का जमाना आ गया है, इसे ही सोच कर दीनदयाल गौ ग्राम में विभिन्न प्रकल्पों को शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि पुरी के शंकराचार्य निरंजनदेव तीर्थ के गो हत्या रोकने के लिए अनशन करने के बाद गाय पर बहुत काम हुआ और आज उसी के कारण देशी गाय की उपयोगिता को समझा जा रहा है। 

बढ़ते पर्यावरण संकट का एकमात्र उपाय देशी गाय का पालन - संघ प्रमुख मोहन भागवत  - SANSAD VANI

गाय की महिमा से विश्व को अवगत कराने के लिए यहां पर वैज्ञानिक तरीके से अनुसंधान किये जाएंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इन प्रकल्पों से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि देवताओं ने सागर मंथन को तब तक बंद नही किया जब तक अमृत की प्राप्ति नही हो गई, उसी प्रकार जिस उद्देश्य से प्रकल्प शुरू किये जा रहे हैं, उन्हें ऊंचाइयों तक पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी है तथा समाज को भी इसमें पूरा सहयोग करना चाहिए। डॉ भागवत ने कहा कि देशी गाय के दूध में जितने पौष्टिक तत्व होते हैं, उतने किसी जानवर के दूध में नही होते। इसलिए सभी को गोसेवा में हाथ बटाना चाहिए। 

बढ़ते पर्यावरण संकट का एकमात्र उपाय देशी गाय का पालन - संघ प्रमुख मोहन भागवत  - SANSAD VANI

ये भी जानिए...........

- सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने ‎हिजाब के साथ रेंप वॉक का ‎किया ‎विरोध

बढ़ते पर्यावरण संकट का एकमात्र उपाय देशी गाय का पालन - संघ प्रमुख मोहन भागवत  - SANSAD VANI

कुछ स्थानों पर शहर के बीचोबीच रहने वाले लोग मिलकर गायों को एक ही स्थान पर शहर से बाहर रखने उनके भरण पोषण की व्यवस्था करते हैं तथा वे वहां से देशी गाय का दूध ले जाते है। यह एक अच्छा प्रयास है। उन्होंने इस बात पर अफसोस प्रकट किया कि कुछ लोग एक ओर गाय को माता कहते हैं दूसरी ओर उसे चारा नही देते हैं तथा चारे के लिए उसे दर दर भटकने को छोड़ देते हैं जो बाद में बांगलादेश कटने के लिए जाती है जब कि गाय, दूध गोबर, गोमूत्र के माध्यम से धरती की उर्वराशक्ति बढाकर गाय जितना देती है उसका दुगुना प्रत्येक व्यक्ति को गाय के लिए करना चाहिए।

बढ़ते पर्यावरण संकट का एकमात्र उपाय देशी गाय का पालन - संघ प्रमुख मोहन भागवत  - SANSAD VANI

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag