नई दिल्ली । सिल्कयारा सुरंग में लगभग 17 दिन तक फंसे रहे 41 श्रमिकों को बचाने के सफल अभियान की सराहना करते हुए कहा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रमिकों की सहनशक्ति को राष्ट्र सलाम करता है और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण में उनके व्यक्तिगत जोखिम के प्रति आभारी है। राष्ट्रपति ने एक्स पर लिखा, “मैं उन टीमों और सभी विशेषज्ञों को बधाई देती हूं जिन्होंने इतिहास के सबसे कठिन बचाव अभियानों में से एक को पूरा करने के लिए अविश्वसनीय धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ काम किया है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे देश के लिए यह एक भावुक क्षण बताते हुए कहा कि रेस्क्यू दल के साहस व संकल्प ने श्रमिकों नया जीवन दिया। उन्होंने लिखा, कि यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इतने लंबे समय तक चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करने वाले श्रमिकों के धैर्य को वे सलाम करते हैं। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह कई एजेंसियों का एक समन्वित प्रयास था, जो हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण बचाव अभियानों में से एक है।
उधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सुरंग से श्रमिकों को सुरक्षित निकलने को बड़ी राहत बताते हुए सरकार से श्रमिकों के स्वास्थ्य लाभ और उचित मुआवजा का आग्रह करते हुए मांग की कि सभी निर्माणाधीन योजनाओं का सुरक्षा ऑडिट कराया जाए ताकि दोबारा ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने श्रमिकों की सुरक्षित वापसी पर खुशी जाहिर करते हुए ‘शुभकामनाये दी । उन्होंने एक्स पर लिखा, भारत का निर्माण करने वाले हमारे भाइयों की सुरक्षा सर्वोपरि है। इस मुश्किल अभियान को सफल बनाने वाले सभी जांबाज़ों को सलाम। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बचाव प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि बचाए गए प्रत्येक श्रमिक को 1-1 लाख रुपए दिए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एक्स पर लिखा कि श्रमिक भाइयों की प्राण रक्षा में अपना अमूल्य योगदान देने वाले हर व्यक्ति का धन्यवाद! असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने लिखा कि श्रमिकों ने उल्लेखनीय सहनशक्ति और साहस दिखाया।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुरक्षित श्रमिकों को भारतीय एकता की जीत बताते हुए ‘एक्स पर लिखा कि एनडीआरएफ, सेना और अन्य एजेंसियों के प्रयास और श्रमिकों के धैर्य और साहस को सलाम।