पीलीभीत । अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अभी प्रत्याशियों की कोई सूची तो जारी नहीं की है लेकिन यह सूची जब जारी होगी तब उसमें भाजपा के वर्तमान सांसद वरुण गांधी का नाम नहीं होगा, यह बात तय है। इसके पीछे वजह यह है कि वरुण गांधी लगातार विभिन्न मुद्दों को लेकर अपनी ही केन्द्र और राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर इशारों ही इशारों में निशाना साधते हुए कहा है कि लोगों को आटा, दाल, चने की नहीं बल्कि रोजगार की जरूरत है। अमीर और गरीब के बीच बन चुकी खाई पाटने का नहीं बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र के पूरनपुर इलाके के कई गांवों में लोगों से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव जाति-धर्म पर नहीं, बुनियादी मुद्दों पर होने चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तानी किसी के सामने झुकने का आदी नहीं है। मगर आज उसे झुकने को मजबूर किया जा रहा है। आम आदमी अस्पतालों, थानों और किसी सरकारी दफ्तर में जाता है तो उसे झुककर बात करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि वे समझौते की नहीं बल्कि सिद्धांतों की राजनीति करते हैं। उन मुद्दों की बात करते हैं जो देश को मजबूत बनाने के लिए हों। उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति दो बिन्दुओं पर केंद्रित है। एक ईमानदारी, दूसरी साहस पर।
दो दिवसीय दौर के दूसरे दिन सांसद ने गजरौला कलां में अंत्योष्टि स्थल और तुलसीपुर-कीरतपुर मार्ग मुझाकलां का शिलान्यास भी किया। इससे पूर्व बरखेड़ा क्षेत्र में सांसद वरुण गांधी ने कहा कि बेरोजगार युवाओं को नौकरी न देकर सरकार एक लाख करोड़ रुपये बचा रही है। इस पैसे को चुनाव में खर्च किया जाएगा। सांसद ने कहा कि देश में सरकारी नौकरियों के एक करोड़ पद खाली हैं। सवाल यह है कि क्यों खाली हैं ? उन्होंने कहा कि अब सभी नौकरियां संविदा की हो गई हैं। संविदा की नौकरी इसलिए हैं कि जब चाहे रख लें और जब चाहें निकाल दें। संविदा में न तो बीमा है और ही कोई अन्य सुविधा। नौकरी न देने से सरकार का एक लाख करोड़ रुपये बच रहा है, जिससे आटा, दाल, चना दिया जा रहा है। यही पैसा चुनाव में खर्च किया जाता है।