-दंदरौआ धाम में गुरु महाराज का वार्षिक महोत्सव के दौरान हो रही है शिवमहापुराण की कथा
भिण्ड। जो व्यक्ति शिव की भक्ति करता है उसे बाबा महादेव कभी अप्रसन्न नहीं रहने देंगे। जो व्यक्ति घर नहीं छोड़ पाते हैं दुकान नहीं छोड़ पाते हैं, जो व्यक्ति घर छोड़कर, दुकान छोड़कर दंदरौआ धाम में शिव महापुराण पुराण की कथा सुन रहे हैं उन व्यक्ति के बाबा महादेव हमेशा दुख दूर करेंगे। यह उद्गार दंदरौआ धाम में गुरु महाराज मंहत बाबा पुरुषोत्तमदास जी महाराज की पुण्य स्मृति में आयोजित हो रहे 27वे वार्षिक महोत्सव के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले द्वारा शिव महापुराण की कथा के दौरान प्रवचन करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि जो व्यक्ति शिव की भक्ति करता है उसके बनने में कुछ देर जरूर लगती है लेकिन बनता जरूर है, शिव की भक्ति कभी खाली नहीं जाती है। व्यक्ति का भगवान पर भरोसा, समर्पण और विश्वास जितना पक्का होगा, भोलेनाथ उस व्यक्ति के दुख पूरी तरह दूर कर देते हैं। उन्होंने कहा कि सलाह और संयोग दो शब्द अलग-अलग है लेकिन इन दोनों में बहुत बड़ा अंतर है जो जमीन और आसमान का अंतर है। इस संसार में सलाह देने वाले बहुत मिल जाते हैं लेकिन सहयोग देने वाले नहीं मिलते हंै। जब भगवान राम के पास सलाह देने वाले कम थे सहयोग देने वाले बहुत थे जबकि रावण के पास सलाह देने वाले ज्यादा थे और सहयोग देने वाले एक आध ही थे। आजकल संसार में सलाह देने वाले बहुत मिल जाएंगे लेकिन सहयोग देने वाले कोई नहीं मिलते हैं।
शिव महापुराण कथा दोपहर एक बजे से सायं 4 बजे तक किया जा रहा है। सुबह 10बजे से संगीतमय सुन्दर कांड का पाठ अजय याज्ञिक द्वारा किया गया कथा का आयोजन 28 नवम्वर से आरंभ होकर दो दिसम्बर तक चलेगा। यज्ञाचार्य पं. रामस्वरूप शास्त्री द्वारा अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए यज्ञ पूजन प्रात: 7 बजे से 10 बजे तक कराया जा रहा है। मुख्य यजमान एवं कथा पारीक्षित श्रीमती साधना -अखिलेश तिवारी तथा कार्यक्रम की व्यवस्था वृंदावन धाम के महंत श्रीश्री 108 राधिकादास महाराज देख रहे हैं। कथा श्रवण के लिए कथा पण्डाल में जरेरूआ सरकार, महंत कालिदास महाराज तेजपुरा, रामवरन पुजारी, पूर्व सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद, राहुल भदौरिया, समाजसेवी किशन मुगदल, समाजसेवी नाथूराम चुरारिया, जलज त्रिपाठी, रामहरी शर्मा एडवोकेट, बृजकिशोर शर्मा, पवन शास्त्री, सरदार सिंह, नरसी दद्दा सहित लाखों की संख्या में महिलाएं और पुरुष मौजूद रहे।