दुबई । दुनिया में जलवायु से जुड़ी वार्ता में भारत की आवाज बुलंद हुई है। कॉप28 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने 197 देशों को एक साथ संबोधित करते हुए ग्रीन क्रेडिट की पहल की। उन्होने जीपीसी को धरती की खास जरुरत बताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप28) की बैठक में प्रदूषण फैलाने वालों की निंदा करने के साथ ही विकासशील देशों की आवाज बुलंद की। गौरतलब है कि मोदी कॉप28 के उद्घाटन समारोह में भाषण देने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।
उन्होंने जलवायु से जुड़े कदमों के लिए जनता द्वारा संचालित पद्धति का आह्वान करते हुए इस प्रमुख जलवायु वार्ता मंच पर ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम की पेशकश की। ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम (जीसीपी) लाइफ अभियान का हिस्सा है जो राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर जलवायु के लिए निर्धारित किया गया योगदान (एनडीसी) है और इसे यूएनएफसीसी के पास जमा किए गए जलवायु कार्ययोजना का हिस्सा माना जाता है। प्रधानमंत्री ने 197 सदस्य देशों को संबोधित करते हुए कहा, ‘ग्लासगो में मैंने आपके सामने पर्यावरण के लिए जीवनशैली का दृष्टिकोण (लाइफ) की पेशकश की थी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के एक अध्ययन में कहा गया है कि इस तरह की पहल से हर साल दो अरब टन कार्बन उत्सर्जन की बचत की जा सकती है। आज मैं इस धरती के लिए एक और सकारात्मक पहल का आह्वान कर रहा हूं जो ग्रीन क्रेडिट है।’
प्रधानमंत्री मोदी दुबई के एक्सपो सिटी में कई देशों के प्रमुख प्रतिनिधियों और शासनाध्यक्षों को संबोधित कर रहे थे। बता दें कि इस बार दुबई कॉप28 की मेजबानी कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने भाषण के दौरान वर्ष 2028 में भारत द्वारा कॉप33 की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि यह एक जन अभियान है जो कार्बन क्रेडिट की व्यावसायिक मानसिकता से परे है। इसका पूरा ध्यान लोगों की भागीदारी के जरिये कार्बन सिंक बनाने पर है और मैं आप सभी को इस पहल में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता हूं।’
बता दें कि ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के मसौदे की घोषणा इस साल जून में राजपत्रित अधिसूचना के माध्यम से की गई थी। 13 अक्टूबर को पत्र सूचना कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि जीसीपी एक नए तरह का बाजार-आधारित तंत्र है जिसका डिजाइन लोगों, समुदायों, निजी क्षेत्र के उद्योगों और कंपनियों जैसे विभिन्न हितधारकों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में स्वैच्छिक तरीके से पर्यावरण की सुरक्षा से जुड़े कार्य को प्रोत्साहित करने के मकसद से तैयार किया गया है।