इम्फल । मणिपुर में शांति पहल संबंधी त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर के चार दिन बाद शनिवार को उग्रवादी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) कैडरों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए राज्य सरकार ने स्वागत समारोह आयोजित किया। इंफाल के कांगला में आयोजित स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इसे प्रेरक बताते हुए अन्य उग्रवादी संगठनों से भी शांति प्रक्रिया में शामिल होने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि शांति प्रक्रिया में शामिल होने के इच्छुक किसी भी संगठन के लिए सरकार सुविधा प्रदाता के रूप में काम करने को तैयार हैं। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन और सलाह के तहत यूएनएलएफ के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर प्रक्रिया में लगभग तीन साल लग गए। सिंह ने उचित सत्यापन के बिना सोशल मीडिया के माध्यम से गलत सूचना फैलाने के खिलाफ भी अपील करते हुए कहा कि इससे समाज में शांति भंग हो सकती है। मुख्यमंत्री ने लोगों से माफ करने और भूल जाने के अपने पहले के आह्वान को दोहराते हुए कहा कि हम लंबे समय से विभाजित होकर रह रहे हैं
और विभाजन के कारण हमने कई कीमती जिंदगियां खो दी हैं, आइए, हम बलिदान देना सीखें।उन्होंने कहा कि मणिपुर के लोगों को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम हटाने और मणिपुर के स्वदेशी लोगों की रक्षा के लिए इनर लाइन परमिट के कार्यान्वयन की मोदी और शाह के तहत केंद्र सरकार की कार्रवाई को भी स्वीकार करना चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में एक साथ रहने वाले किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी समुदायों की रक्षा करने की कोशिश कर रही है। समारोह में यूएनएलएफ के कैडरों का स्वागत किया गया और शांति, आशा और विकास का संदेश लेकर कबूतर उड़ाए गए।