जयपुर। राजस्थान में प्रचंड सीटों से जीती भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री की तलाश कर रही है। ये तलाश पूरी होती इससे पहले ही बाबा बालकनाथ का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में आ गया है। बाबा को भी लगने लगा कि बस कुर्सी उनके काफी नजदीक आ गई है। लेकिन अचानक बाबा की ग्रहदशा बदली और उन्होने अपने एक्स पर एक पोस्ट लिखकर कह दिया है कि अभी तो हमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बहुत सारे अनुभव लेना है। बता दें कि बाबा बालकनाथ 2019 में बीजेपी के टिकट पर अलवर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। पार्टी ने उन्हें इस बार जिले की तिजारा सीट से विधानसभा चुनाव का टिकट दिया था। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी इमरान खान को हराकर विधायकी का चुनाव भी जीत लिया। इसके बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
राजस्थान के तिजारा से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक बाबा बालकनाथ ने मेन स्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री पद के लिए अपने नाम की चर्चाओं के बीच एक बयान जारी किया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए इन अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है। बाबा बालकनाथ ने अपने इस पोस्ट में लिखा है, पार्टी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनता-जनार्धन ने पहली बार सांसद व विधायक बना कर राष्ट्रसेवा का अवसर दिया। चुनाव परिणाम आने के बाद से मीडिया व सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं को नजर अंदाज करें। मुझे अभी प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है।
बता दें कि बाबा बालकनाथ 2019 में बीजेपी के टिकट पर अलवर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। पार्टी ने उन्हें इस बार जिले की तिजारा सीट से विधानसभा चुनाव का टिकट दिया था। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी इमरान खान को हराकर विधायकी का चुनाव भी जीत लिया। इसके बाद लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इन घटनाक्रमों के बीच मीडिया और सोशल मीडिया पर राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम की चर्चा जोर शोर से चल रही है। कल तक उन्हें मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदारों में माना जा रहा था, लेकिन आज उनके इस पोस्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा ने उनके लिए कुछ और सोच रखा है। बालकनाथ के अलावा राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री के रूप में जिन नामों की सर्वाधिक चर्चा है उनमें वसुंधरा राजे सिंधिया, किरोड़ी लाल मीणा, राज्यवर्धन सिंह राठौर और दीया कुमारी शामिल हैं।
बाबा बालकनाथ भी उसी नाथ संप्रदाय से आते हैं, जिसके यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्तमान प्रमुख हैं। बाबा बालकनाथ रोहतक के मस्तनाथ मठ के महंत हैं। 29 जुलाई 2016 को, महंत चांदनाथ ने एक समारोह में बालकनाथ योगी को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, जिसमें उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बाबा रामदेव भी शामिल हुए थे। उनके समर्थक उन्हें राजस्थान का योग कहकर भी संबोधित करते हैं। वह बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के चांसलर भी हैं। उनका जन्म बहरोड़ तहसील के कोहराना गांव में एक यदुवंशी हिंदू परिवार में हुआ था, बालकनाथ योगी की जड़ें अलवर में गहराई से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने साढ़े छह साल की उम्र में संन्यास लेने का फैसला किया और अपना घर छोड़कर आश्रम में चले गए थे। महंत बालकनाथ योगी की राजनीतिक पारी को उनके गुरु महंत चांदनाथ, जो अलवर से पूर्व सांसद थे, ने आकार दिया। उनकी छवि राजस्थान के एक फायरब्रांड नेता की है, जो हिंदू और हिंदुत्व की बात करते हैं।