- अपनी कमाई से अर्जित संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत नहीं कर सकते कुर्क

प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम के आदेश को मनमाना मानते हुए उसे रद्द कर दिया गया। कोर्ट ने कहा कि अपनी कमाई से अर्जित की गई संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने डीएम से इस मामले में नए सिरे से विचार कर आदेश पारित करने को कहा है। संभल जिले के हजरत नगरगढ़ी थाने में गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी पर डीएम के आदेश को कोर्ट ने रद्द कर दिया गया। यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी और न्यायमूर्ति गजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने रजी हसन और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने डबल स्टोरी मकान खुद की कमाई से बनाया है। न कि गैंगस्टर रहबर हसन द्वारा अवैध तरीके से एकत्र किए धन से। डीएम ने उक्त मामले में पुलिस रिपोर्ट को आधार मानते हुए संपत्ति कुर्की का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है, जिसका पालन किया जाना अनिवार्य था। डीएम ने यह आदेश बिना सोचे समझे यांत्रिक तरीके से पारित कर दिया जो कि मनमाना है। मामले में याचिकाकर्ता पर आरोप था कि उसने डबल स्टोरी का मकान अवैध रूप से अर्जित संपत्ति से बनवाया है। वह एक गिरोह का सक्रिय सदस्य है, जो लोगों को डराना, धमकाने के साथ पैसे की वसूली करवाता है। लोगों में भय और आतंक फैलाता है, यही वजह है कि कोई भी उनके खिलाफ गवाही देने की हिम्मत नहीं करता। वे लगातार अपराध में लिप्त हैं और उन्हें स्वतंत्र रखना सुरक्षित नहीं है। लिहाजा, प्राथमिकी दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल किया गया था। डीएम ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर उसकी संपत्ति को कुर्क करने का आदेश पारित कर दिया। डीएम के आदेश को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी जिस पर कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद डीएम के आदेश को रद्द कर दिया।

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