सनातन धर्म में कहा गया है कि 'तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा'... यानी हमारे पास जो कुछ भी है, वह भगवान का है और अंत में उसे उन्हें ही अर्पित करना है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक महिला ने इसे साबित कर दिखाया है। पढ़िए भगवान शिव में कमल शाह की आस्था की पूरी कहानी।
भगवान अचलनाथ को एक किलो सोने का मुकुट भेंट करने वाली बुजुर्ग महिला कमल शाह ने अब अपने भारतीय स्टेट बैंक के बचत खाते और एफडीआर में भगवान अचलेश्वर को नॉमिनी बनाने की पहल की है। महिला भगवान अचलनाथ को नॉमिनी बनाने के लिए बैंक पहुंची।
अचलेश्वर ट्रस्ट का बैंक खाता पंजाब नेशनल बैंक में होने के कारण कागजी कार्रवाई पूरी नहीं हो सकी। यह प्रक्रिया मंगलवार तक पूरी होने की उम्मीद है। बताया गया है कि महिला भक्त के खाते और एफडीआर में बड़ी रकम जमा है। दानदाता ने अभी इसका खुलासा नहीं किया है। लोहिया बाजार निवासी माधुरी सक्सेना ने बीमा पॉलिसी में भगवान अचलनाथ को नॉमिनी बनाया है।
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महिला ने अपने द्वारा दान किए गए सोने के मुकुट के बारे में पूछा
महिला ने पूर्व पदाधिकारियों से पूछा कि भगवान अचलनाथ की मूर्ति के लिए पूर्व में दान किए गए सोने के मुकुट का क्या किया गया, क्योंकि कुछ लोगों ने महिला दानकर्ता को बताया कि दान किया गया मुकुट अब मंदिर में नहीं है। पूर्व पदाधिकारियों ने वृद्ध महिला को बताया कि उसके द्वारा दान किया गया मुकुट मंदिर में सुरक्षित है।
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इससे पहले लोहिया बाजार निवासी मीनाक्षी सक्सेना ने भगवान अचलनाथ के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए बीमा पॉलिसी में नॉमिनी बनाया था, क्योंकि उनका कोई वारिस नहीं था। महिला के कैलाशवासी बनने के बाद पॉलिसी की कुल राशि सात लाख 42 हजार 82 रुपए चार महीने पहले ही ट्रस्ट के खाते में जमा हो चुकी है।