चरखी दादरी में भारी बारिश के कारण सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, जिससे गृहणियाँ परेशान हैं। खुदरा और थोक बाज़ारों में कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिससे रसोई का बजट बिगड़ गया है। आलू, प्याज और टमाटर जैसी आम सब्जियों के दाम भी 30% तक बढ़ गए हैं।
मानसून के सक्रिय होने, लगातार बारिश और सब्जियों के दामों में भारी वृद्धि के कारण अब गृहणियों को रसोई चलाने में दिक्कत आ रही है। खुदरा और थोक बाज़ारों में सब्जियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
कुछ सब्जियाँ आम गृहणियों की पहुँच से बाहर होती जा रही हैं। इससे खाने का स्वाद भी पहले जैसा नहीं रहा। हालाँकि हर साल बारिश के मौसम में सब्जियों के दाम बढ़ते रहे हैं। लेकिन इस बार दामों में बढ़ोतरी की गति काफी तेज़ देखी जा रही है।
आलू, प्याज, टमाटर, हरी मिर्च जैसी सब्जियों के दामों में भी 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसका असर घर के बजट के साथ-साथ लोगों की दिनचर्या पर भी पड़ रहा है।
खासकर पिछले 10 दिनों में सब्जियों के दामों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है। वैसे तो सभी सब्जियों के दाम बढ़े हैं। लेकिन कुछ सब्जियों के दाम इस बार अप्रत्याशित रूप से बढ़े हुए दिखाई दे रहे हैं।
क्या कहते हैं दुकानदार?
स्थानीय पुरानी सब्जी मंडी के सब्जी विक्रेता नवीन सैनी, सिकंदर, अनूप सिंह आदि ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के कारण स्थानीय स्तर पर उत्पादित सब्जियों की आपूर्ति नाममात्र की रह गई है। भारी बारिश के कारण अधिकांश सब्जियों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
इसके अलावा, इस मौसम में सब्जियां जल्दी खराब हो जाती हैं। इसलिए दुकानदार लंबे समय तक स्टॉक नहीं रख पाते। दुकानदारों ने बताया कि सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी अगले दो महीने तक जारी रह सकती है।
बाहर से सब्जियों की आपूर्ति शुरू
बारिश से पहले, स्थानीय स्तर पर उत्पादित सब्जियां बड़ी संख्या में स्थानीय स्तर पर उत्पादित होती थीं, जो यहां थोक सब्जी व्यापार के लिए सबसे बड़ी मंडी मानी जाती है। लेकिन अब मांग के अनुसार, आसपास और दूर-दराज के राज्यों से सब्जियों की आपूर्ति शुरू हो गई है। किराया, माल ढुलाई और अन्य खर्च जोड़ने के बाद, कीमतों में स्वाभाविक रूप से वृद्धि होती है। इसका सीधा असर सब्ज़ियों के खुदरा और थोक बाज़ार पर पड़ रहा है।
गृहिणियों ने क्या कहा?
दादरी शहर की गृहिणियों उर्मिला देवी, नरेश कुमारी, प्रवीण, कमला, सपना, पूनम आदि ने बताया कि ख़ासकर पिछले 10 दिनों में सभी सब्ज़ियों के दामों में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से बजट के हिसाब से ही सब्ज़ियाँ रसोई में लानी पड़ रही हैं।
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किफ़ायती दामों के हिसाब से सब्ज़ियों का इस्तेमाल करना मजबूरी बन गया है। जिसका असर खाने के स्वाद पर भी पड़ा है। इसके अलावा, सब्ज़ियों के लिए निर्धारित बजट में 30 से 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो गई है। रसोई का प्रबंधन पहले से कहीं ज़्यादा मुश्किल हो गया है।
सब्जियों के दाम
आलू - 25
प्याज - 20
टमाटर - 40
घिया - 40
तोरी - 40
बैंगन - 50
हरी मिर्च - 20
नींबू - 70
पेठा - 30
परमल - 40
अदरक - 80
खीरा - 30
इमली - 60
फूलगोभी - 100
पत्तागोभी - 20
शिमला मिर्च - 100