- महंगी दवाओं से मिलेगी राहत, कैंसर समेत कई दवाओं के दाम तय

महंगी दवाओं से मिलेगी राहत, कैंसर समेत कई दवाओं के दाम तय

सरकार ने कैंसर, मधुमेह और संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों की 71 ज़रूरी दवाओं की कीमत तय कर मरीजों को बड़ी राहत दी है।
दवा की कीमत तय: जब बीमारी दस्तक देती है, तो इलाज की चिंता के साथ-साथ दवा की कीमत भी जेब पर बोझ बन जाती है। खासकर कैंसर, मधुमेह या जानलेवा संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में दवाएं आम आदमी की पहुँच से बाहर हो जाती हैं। लेकिन अब केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार ने 71 दवाओं की कीमत तय करने का फैसला किया है। इसमें कैंसर, मधुमेह और संक्रमण जैसी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख दवाएं शामिल हैं।

आपको बता दें, मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर, एलर्जी, मधुमेह और अन्य गंभीर बीमारियों की दवाएं अब आपको सस्ती दर पर मिलने वाली हैं। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अब जीएसटी तभी जोड़ा जा सकेगा जब इसका भुगतान सरकार को किया गया हो। इन दवाओं में रिलायंस लाइफ साइंसेज की 'ट्रैस्टुजुमैब' भी शामिल है, जिसका इस्तेमाल मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर के इलाज में होता है। इसकी कीमत अब ₹11,966 प्रति शीशी तय की गई है।

बाकी दवाओं की कीमत क्या है?

इसके अलावा, जानलेवा संक्रमणों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले सेफ्ट्रिएक्सोन, डिसोडियम एडिटेट और सल्बैक्टम पाउडर की कीमत 626 रुपये तय की गई है, जबकि कॉम्बीपैक की कीमत 515 रुपये तय की गई है। एनपीपीए ने अपनी नई अधिसूचना में 25 मधुमेह-रोधी दवाओं की कीमतें भी अधिसूचित की हैं, जिनमें मुख्य घटक के रूप में सिटाग्लिप्टिन शामिल है। इसके अलावा, एम्पाग्लिफ्लोज़िन संयोजन वाली कई अन्य मधुमेह की दवाएं भी इस सूची में शामिल हैं।

पारदर्शिता लाने की दिशा में सरकार

यह कदम मरीजों को महंगी दवाओं से राहत दिलाने के साथ-साथ पारदर्शिता लाने के लिए उठाया जा रहा है। कुछ समय पहले, एनपीपीए ने एक आदेश जारी कर कहा था कि सभी दवा निर्माता अपने उत्पादों की कीमतों की सूची डीलरों, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार को भेजें और उल्लेख करें कि यह कीमत सरकार की किसी अधिसूचना या आदेश के तहत तय या संशोधित की गई है।

यह निर्णय न केवल आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के मरीज़ों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि दवा उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ावा देगा। अब लोगों को दवाएँ खरीदते समय यह जानने का अधिकार होगा कि क्या वे दवाएँ उचित और निश्चित मूल्य पर उपलब्ध हैं। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य के अधिकार की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।

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