श्रीगंगानगर ज़िला प्रमुख का पद रिक्त था। उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार दुलाराम इंदलिया को 26 वोट मिले, जबकि भाजपा की निर्मला देवी को केवल 5 वोट मिले।
राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िला प्रमुख का उपचुनाव गुरुवार (11 सितंबर) को हुआ, जिसमें कांग्रेस ने भाजपा को हराकर जीत हासिल की। कांग्रेस उम्मीदवार दुलाराम इंदलिया ने एकतरफा मुकाबले में भाजपा उम्मीदवार निर्मला देवी को हराकर ज़िला प्रमुख पद पर कब्ज़ा किया। इंदलिया को 31 में से 26 वोट मिले, जबकि निर्मला देवी को केवल 5 वोट मिले।
श्रीगंगानगर ज़िले में ज़िला प्रमुख का पद पिछले डेढ़ साल से रिक्त था। लोकसभा चुनाव में श्रीगंगानगर ज़िला प्रमुख कुलदीप इंदौरा कांग्रेस के टिकट पर यहाँ से लोकसभा सांसद चुने गए थे। तब से यह पद रिक्त था।
कांग्रेस ने सरकार पर उपचुनाव में देरी का आरोप लगाया था
कांग्रेस ने कई बार सरकार पर जानबूझकर उपचुनाव न कराने का आरोप लगाया था। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और श्रीगंगानगर सांसद कुलदीप इंदौरा ने कई बार यह मुद्दा उठाया था। हालाँकि, उसके बाद चुनाव आयोग ने उपचुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। लेकिन इसी बीच एक शिकायतकर्ता हाईकोर्ट चला गया।
डोटासरा ने भजनलाल शर्मा सरकार पर साधा निशाना
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उपचुनाव को लेकर कई बार सरकार पर निशाना साध चुके हैं। कई बार चुनाव तिथि घोषित करने के बाद भी सरकार को उपचुनाव स्थगित करना पड़ा। सरकार का रुख रहा कि ऑपरेशन सिंदूर और कई अन्य कारणों से चुनाव में देरी हो रही है।
भाजपा सरकार में कांग्रेस की जीत
बता दें कि राज्य में मौजूदा सरकार भाजपा की है और ऐसे में श्रीगंगानगर जिला प्रमुख सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को भारी अंतर से हराया है। इसके पीछे एक बड़ी वजह यह है कि इस क्षेत्र में लंबे समय से सड़क, बिजली, पानी आदि समस्याओं को लेकर आंदोलन चल रहे हैं, जो सरकार के पक्ष में नहीं हैं और न ही सरकार में इस क्षेत्र से कोई मंत्री है। ऐसे में इस क्षेत्र की लगातार उपेक्षा के चलते सरकार को उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
भरतपुर जिला प्रमुख के लिए उपचुनाव होने हैं
इस बीच, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा भी लगातार सरकार पर हमलावर हैं। भरतपुर जिला प्रमुख सीट पर भी उपचुनाव होने हैं, ऐसे में विपक्ष लगातार वहां भी चुनाव की मांग कर रहा है, लेकिन इस बीच श्रीगंगानगर सीट पर मिली हर सीख भाजपा के लिए बड़ी सीख है, लेकिन अब देखना होगा कि सरकार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले में जिला प्रमुख का उपचुनाव कब कराती है।