- इस बार नीतीश या तेजस्वी, बीजेपी या कांग्रेस? किसे ज़्यादा फ़ायदा? जनमत सर्वेक्षणों ने चौंकाया

इस बार नीतीश या तेजस्वी, बीजेपी या कांग्रेस? किसे ज़्यादा फ़ायदा? जनमत सर्वेक्षणों ने चौंकाया

सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि 57% लोगों का मानना ​​है कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है। केवल 8% ने मामूली प्रभाव की बात कही, और 21% ने कहा कि कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

2025 के बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, जिसके नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएँगे। चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है। मैट्रिज़-आईएएनएस द्वारा किए गए पहले जनमत सर्वेक्षण ने इस चुनाव की शुरुआती तस्वीर पेश की है। इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि 243 सीटों वाले इस विधानसभा चुनाव में किसे सबसे ज़्यादा फ़ायदा होने की संभावना है और कौन से राजनीतिक दल आगे हैं।

सीट समीकरण: एनडीए आगे, महागठबंधन पीछे
जनमत सर्वेक्षण के अनुसार, 2025 में एनडीए 150-160 सीटें जीत सकता है, जबकि महागठबंधन 70-85 सीटों पर सिमट सकता है। अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को 9-12 सीटें मिलने का अनुमान है। पिछली बार 2020 में एनडीए ने 125 और महागठबंधन ने 110 सीटें जीती थीं।

एनडीए के पक्ष में बढ़त
वोट शेयर के मामले में भी एनडीए आगे दिख रहा है। इस सर्वेक्षण में एनडीए को 49%, महागठबंधन को 36% और अन्य दलों को 15% वोट मिलने का अनुमान है। 2020 के आंकड़ों के अनुसार, एनडीए को 37.26%, महागठबंधन को 37.23% और अन्य को 25.51% वोट मिले थे।

क्या जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामकाज से संतुष्ट है?
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 42% लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कामकाज से बहुत संतुष्ट हैं, जबकि 31% संतुष्ट और 23% असंतुष्ट हैं। केवल 4% लोग इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए।

बिहार में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या है?
मतदाताओं के अनुसार, इस चुनाव में बेरोजगारी (24%) सबसे बड़ा मुद्दा है। भ्रष्टाचार (10%), प्रधानमंत्री मोदी की छवि (9%), शिक्षा (8%) और अन्य मुद्दे 49% मतदाताओं की शीर्ष प्राथमिकताएँ हैं।

मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद कौन है?
नीतीश कुमार (42%) मुख्यमंत्री पद के लिए शीर्ष पसंद थे। तेजस्वी यादव को 15%, प्रशांत किशोर को 9%, चिराग पासवान को 8% और सम्राट चौधरी को 3% लोगों ने पसंद किया। शेष 23% ने किसी और को पसंद किया।

प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का प्रभाव
सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि 57% लोगों का मानना ​​है कि प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है। केवल 8% ने मामूली प्रभाव बताया और 21% ने कहा कि कोई प्रभाव नहीं पड़ा। 14% मतदाता इस प्रश्न का उत्तर नहीं दे पाए।

SIR पर मतदाताओं की राय
सर्वेक्षण में बिहार में SIR मुद्दे पर मतदाताओं की राय भी सामने आई। 54% लोग इसे चुनाव आयोग का एक अच्छा कदम मानते हैं। केवल 17% लोगों का मानना ​​है कि SIR ज़रूरी था, जबकि 13% का कहना है कि इसे सिर्फ़ चुनावी फ़ायदे के लिए लागू किया गया था। 16% मतदाता इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए।

एनडीए को बढ़त, महागठबंधन को चुनौती?
सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि इस बार एनडीए आगे चल रहा है, और सीटों के मामले में महागठबंधन पीछे रह सकता है। नीतीश कुमार की लोकप्रियता और प्रधानमंत्री मोदी की छवि एनडीए के पक्ष में काम कर रही है। चुनावी समीकरणों और मतदाताओं की पसंद को देखते हुए, 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव कांटे का हो सकता है।

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