- क्या ये तीनों नेता एनडीए या महागठबंधन का खेल बिगाड़ेंगे? यहां इनकी अहमियत समझिए।

क्या ये तीनों नेता एनडीए या महागठबंधन का खेल बिगाड़ेंगे? यहां इनकी अहमियत समझिए।

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। प्रशांत किशोर, तेज प्रताप यादव और असदुद्दीन ओवैसी इस चुनाव के केंद्र में होंगे। देखना यह होगा कि ये तीनों नेता एनडीए या महागठबंधन में सेंध लगा पाते हैं या नहीं।

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा और 14 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे। बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच माना जा रहा है। हालाँकि, इस बार बिहार के चुनावी परिदृश्य में कई नए खिलाड़ी भी हैं, और इनमें से तीन ऐसे हैं जो राज्य की चुनावी तस्वीर बदल सकते हैं। ये तीन हैं जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर, लालू प्रसाद यादव के बागी बेटे तेज प्रताप यादव और खुद को मुसलमानों का नेता बताने वाले असदुद्दीन ओवैसी।

प्रशांत किशोर की चर्चा
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर चुनावी राज्य बिहार में मतदाताओं के लिए सबसे नए विकल्प के रूप में उभरे हैं। प्रशांत किशोर एनडीए और महागठबंधन, दोनों पर निशाना साधते हुए आक्रामक प्रचार कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी, जनसुराज, राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। माना जा रहा है कि वह चुनावों में एनडीए और महागठबंधन के लिए खतरा बन सकते हैं।

तेज प्रताप यादव
बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे प्रमुख खिलाड़ी तेज प्रताप यादव हैं, जिन्होंने राजद और अपने पिता लालू यादव से बगावत करके अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल बनाई है। तेज प्रताप एनडीए के साथ-साथ अपने भाई और राजद नेता तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पर भी निशाना साध रहे हैं। तेज प्रताप कितने यादव वोट काटेंगे? तेजस्वी को कितना नुकसान पहुँचाएँगे? यह एक बड़ा सवाल है।

ओवैसी फैक्टर
इस बीच, बिहार चुनाव में तीसरे प्रमुख खिलाड़ी एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी हैं। ओवैसी की नज़र बिहार के सीमांचल क्षेत्र के मुस्लिम वोटों पर है। 2020 के चुनावों में ओवैसी ने महागठबंधन को करारा झटका दिया था। क्या इस बार ओवैसी फिर से महागठबंधन का खेल बिगाड़ेंगे? यह भी देखना दिलचस्प होगा।

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को एक बार फिर ओवैसी से कड़ी चुनौती मिल रही है। ओवैसी सीमांचल की 24 सीटों पर खासा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और ज़ोरदार प्रचार कर रहे हैं। सीमांचल में चार ज़िलों की 24 सीटें शामिल हैं जहाँ मुस्लिम आबादी अच्छी-खासी है। 2020 के चुनाव में, ओवैसी ने सीमांचल की 14 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पाँच पर जीत हासिल की थी। महागठबंधन ने सभी 24 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल सात पर जीत हासिल की थी, जबकि एनडीए ने 24 में से 12 सीटें जीती थीं।

Comments About This News :

खबरें और भी हैं...!

वीडियो

देश

इंफ़ोग्राफ़िक

दुनिया

Tag