समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव ने विधायक पूजा पाल के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि इतने दिनों तक वह घर पर चुपचाप बैठी रहीं, अब अचानक हत्या का डर क्यों सता रहा है?
समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल के एक पत्र ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। पूजा ने अपने पत्र में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उनकी मौत होती है, तो इसके लिए सपा और अखिलेश यादव जिम्मेदार होंगे। इस बयान के बाद आज मुजफ्फरनगर पहुँचे सपा नेता शिवपाल यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा बयान दिया।
सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि सपा हत्या की राजनीति नहीं करती और पूजा पाल अब कभी विधायक नहीं बन पाएंगी। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा नेता संगीत सोम और 2027 के विधानसभा चुनाव पर भी अपनी राय रखी।
पूजा पाल के विधायक बनने का रास्ता बंद
शिवपाल यादव ने पूजा पाल के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि इतने दिनों तक वह घर पर चुपचाप बैठी रहीं, अब अचानक हत्या का डर क्यों सता रहा है? हत्या की राजनीति कुछ लोग करते हैं, हम नहीं। पूजा पाल के विधायक बनने का रास्ता अब बंद हो गया है। उन्होंने भाजपा नेता संगीत सोम के 'पश्चिमी उत्तर प्रदेश मिनी पाकिस्तान बनता जा रहा है' वाले बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनका स्वार्थ जगजाहिर है। उनकी कोई सीमा नहीं है, कभी हमारे साथ थे, अब अपने फायदे के लिए कुछ भी बोल देते हैं। उनका चरित्र सबको पता है।
भारत गठबंधन मिलकर लड़ेगा चुनाव
2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर शिवपाल ने कहा कि हमें भारत गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ना है। केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठकें चल रही हैं, जल्द ही उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने पर उन्होंने कहा कि विधायक अपना नेता चुनते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि भाजपा जाए और अखिलेश मुख्यमंत्री बनें।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश और उत्तर प्रदेश के लिए कोई काम नहीं किया है। उनके वादे झूठे हैं, वोट चोरी और संस्थाओं पर कब्जे के आरोप सही हैं।
2027 में जनता फैसला करेगी।
शिवपाल ने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की रणनीति को भाजपा की घबराहट का कारण बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा पीडीए से ही डरती है। समाजवादी पार्टी में सभी वर्ग, महिलाएँ और सवर्ण शामिल हैं। नेताजी ने सबके लिए काम किया। अब 'वोट चोर गद्दी छोड़' का नारा पूरे देश में गूंजेगा। पूजा पाल के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था, अब उनका राजनीतिक करियर खत्म हो चुका है।