रायपुर । छत्तीसगढ़ में एक पूर्व महिला नक्सली ने पहली बार 13 साल बाद वोट डाला है। समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अब वह खुद भी नक्सलियों से लोहा ले रही है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के लिए आज पहले चरण की वोटिंग हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार चुनाव का बहिष्कार करने वाली पूर्व नक्सली महिला कमांडर ने पहली बार समाज की मुख्यधारा से जुड़कर वोट डाला और लोकतंत्र में भरोसा जताया। अब पूर्व नक्सली कमांडर सुमित्रा खुद आरक्षक बनकर नक्सलियों से लोहा ले रही हैं। छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित राज्य रहा है
जहां आज विधानसभआ चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। राज्य सरकार की अच्छी योजना की वजह से वहां कई नक्सली हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधार से जुड़े हैं। नक्सलियों की अमदाई एरिया कमेटी की पूर्व महिला कमांडर सुमित्रा साहू ने हिंसा छोड़कर देश और राज्य के लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास जताया है। उन्होंने वहां हो रहे चुनाव में पहली बार मतदान किया।जानकारी के अनुसार पूर्व नक्सली सुमित्रा साहू ने 13 साल तक चुनाव का बहिष्कार किया था। आत्मसमर्पण के बाद सुमित्रा साहू ना सिर्फ समाज की मुख्यधारा से जुड़ी बल्कि अब आरक्षक बनकर नक्सलियों से मोर्चा भी ले रही हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पहले चरण की वोटिंग के लिए नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। थ्री लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है जिसके लिए 60 हजार जवान तैनात किए गए हैं। पहले चरण में 20 नक्सल प्रभावित विधानसभा सीटों पर मंगलवार को वोटिंग हो रही है।
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ल प्रभावित इलाके में तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था करके मतदान कराया जा रहा है। 12 विधानसभा क्षेत्रों वाले बस्तर संभाग में सुरक्षित मतदान के लिए लगभग 60 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। इनमे सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ के 40 हजार और राज्य पुलिस के 20 हजार जवान शामिल हैं। नक्सल विरोधी इकाई के जवान और महिला कमांडो भी चुनाव का हिस्सा बन रहे हैं। सुरक्षा कारणों से संभाग के पांच विधानसभा क्षेत्रों के 149 मतदान केंद्रों को पुलिस स्टेशन के नजदीक स्थानांतरित कर दिया गया है।