नई दिल्ली। पनीर प्रोटीन का एक प्रमुख स्रोत होता है। डाक्टर भी खानपान में पनीर को शामिल करने की सलाह जरूर देते हैं। त्योहारों में पनीर और पनीर से बनी मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है, लेकिन यह जानकर हैरानी होगी कि खानपान के वस्तुओं में सबसे ज्यादा मिलावट पनीर में हो रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा पिछले सात माह में बाजार से लिए गए पनीर का हर दूसरा सैंपल गुणवत्ता मानकों पर फेल साबित हुआ है। ऐसे में त्योहार के दौरान पनीर और उससे बनी मिठाइयों का सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर के बीच दूध उत्पादों के कुल 378 सैंपल गुणवत्ता जांच के लिए उठाए थे। जिसमें से 321 सैंपल की जांच रिपोर्ट में 8.41 प्रतिशत सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं। सबसे ज्यादा पनीर के सैंपल जांच में फेल हुए हैं। इस अवधि में खाद्य सुरक्षा विभाग ने पनीर के 40 सैंपल लिए थे। जिसमें से अभी 36 सैंपल की रिपोर्ट आई है। इसमें से 19 सैंपल फेल हुए हैं। इसमें से आठ सैंपल की गुणवत्ता खराब पाई गई है। इस तरह का खाद्य वस्तु स्वास्थ्य के लिए घातक नहीं होता, लेकिन उसमें पर्याप्त पोषक तत्व नहीं होते। 19 में से 11 सैंपल स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित पाए गए हैं। इसके इस्तेमाल से स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। पनीर में वनस्पति तेल, स्टार्च, बेकिंग पाउडर इत्यादि मिलाया जाता है।.
दूध के 135 में तीन सैंपल की गुणवत्ता खराब पाई गई है। चीज के तीन में से दो सैंपल की गुणवत्ता खराब पाई गई है। आइसक्रीम के पांच में से दो सैंपल खराब पाए गए। इसके अलावा बटर का एक सैंपल भी असुरक्षित पाया गया। पनीर का थोड़ा सैंपल लेकर उसे गर्म पानी में ठीक से मिलाकर घोल तैयार कर लें। इसके बाद कुछ देर उसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें। इसके बाद उसमें दो या तीन बूंद आयोडीन मिलाने पर यदि उसका रंग बदल जाए तो इसका मतलब है कि पनीर में मिलावट है। दिल्ली सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा अप्रैल से अक्टूबर के बीच सात माह में लिए गए विभिन्न खाद्य वस्तुओं के सैंपल के आंकड़ा