नई दिल्ली । 32 लाख रुपये की तिजोरी ले जाने की पीसीआर कॉल से अंबेडकर नगर थाना पुलिस फंस गई है। कॉल पूरे दक्षिण जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। पीसीआर कॉल होने के बाद एफआईआर दर्ज होने पर भी सवाल उठ रहे हैं। वहीं, दक्षिण जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान इस बारे में बात करने से इंकार कर रहे हैं। दक्षिण जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अंबेडकर नगर थाने में तैनात पुलिसकर्मी सट्टेबाज व इलाके के घोषित बदमाश रूस्तम के ठिकाने पर छापा मारने गए थे। पहले तो पुलिसकर्मी खाली हाथ लौट आए। इसके बाद पुलिसकर्मी फिर ठिकाने पर गए और सुमित व अंकित समेत चार आरोपियों को रात 12 बजे पकड़कर ले आए।
इसके बाद पता लगा कि रूस्तम की तिजोरी कहीं रखी हुई है। बेडकर नगर थाने में तैनात पुलिसकर्मी इस डिजिटल तिजोरी को उठा लाए। रूस्तम की एक जानकार महिला ने अगले दिन 11 बजे पीसीआर कॉल कर दी कि पुलिस वाले तिजोरी उठाकर ले गए हैं। पीसीआर वैन मौके पर पहुंची तो वैन में तैनात पुलिसकर्मियों ने फुटेज आदि देखकर हालात डिजिटल तिजोरी ले जाने की तस्दीक की। इसके बाद अंबेडकर नगर थाने में हलचल पैदा हो गई।
ले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अंबेडकर नगर थाने पहुंच गए। हालात देखकर व जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ लूट का मामला दर्ज किया गया। आरोपियों के पास से एक पिस्टल मिली है। सवाल इस बात पर उठ रहे हैं कि अगर सट्टेबाजों को रात में पकड़ा गया तो फिर कई घंटे बाद पर्चा क्यों दर्ज किया गया। पीसीआर कॉल होने के बाद एफआईआर क्यों दर्ज की गई। पहले मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया।