- टनल में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू: अमेरिका से बुलाई मशीन खराब

टनल में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू: अमेरिका से बुलाई मशीन खराब


नई दिल्‍ली। सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए जारी रेस्क्यू ऑपरेशन को सातवें दिन भी जारी रहा। इसमें कई बार अड़चने भी आ रहीं हैं। शुक्रवार को तब झटका लगा, जब अमेरिकी ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी आ गई। बताया जा रहा है कि मशीन की बेयरिंग खराब हो गई है, जिससे यह आगे नहीं बढ़ पा रही है और बार-बार ऊपर की ओर उठ रही है। अब एंकर लगाकर मशीन को प्लेटफॉर्म पर लगाया जा रहा है। हालांकि एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खल्को ने मशीन में खराबी से इंकार किया है।यह पूछे जाने पर कि मशीन चार से पांच मीटर प्रति घंटे की अपेक्षित ड्रिलिंग गति क्यों हासिल नहीं कर पा रही है, राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने कहा कि मशीन पर पाइपों को संरेखित करना और उन्हें ठीक से वेल्डिंग करना उनको आगे बढ़ाने से पहले समय लगता है। उन्होंने दावा किया कि रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन की धीमी प्रगति के पीछे ड्रिलिंग मशीन का डीजल चालित होना है। उन्होंने कहा,“ यह एक बंद जगह में काम करने वाली डीजल से चलने वाली मशीन है।

Uttarakhand Tunnel Rescue: 40 नहीं टनल में फंसे है 41 श्रमिक, रेस्क्यू की  कोशिश है जारी; पहाड़ दरकने की आवाज से मची अफरातफरी - Uttarakhand Tunnel  Crash News latest Updates Rescue ...

इसलिए कंप्रेसर के साथ निश्चित समय अंतराल पर वेंटिलेशन की भी आवश्यकता होती है। इन प्रक्रियाओं से पैदा होने वाला कंपन संतुलन को बिगाड़ सकता है।’ उन्‍होंने आगे कहा, ‘हम एक रणनीति के साथ काम कर रहे हैं लेकिन इसे मजबूत करना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बीच में कुछ भी गलत न हो।’खलखो ने कहा, मशीन संतोषजनक ढंग से काम कर रही है और जैसे-जैसे मलबे के माध्यम से आगे बढ़ने में प्रगति होगी और बचावकर्मी इस सिस्‍टम के आदी हो जाएंगे, गति बढ़ती जाएगी। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान निर्बाध रूप से जारी रहे, इसके लिए बैकअप के तौर पर इंदौर से एक और ‘ऑगर मशीन’ मंगाई जा रही है।

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बता दें इससे पहले 22 मीटर तक बोरिंग करने के बाद मशीन खराब हो गई थी। सुरंग के भीतर करीब 60 मीटर पर मजदूरों के फंसे होने की आशंका है। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ‘उत्तरकाशी में सुरंग निर्माण के दौरान हुए हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने का काम तेज गति से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार बचाव कार्यों का अपडेट ले रहे हैं। सभी श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालने हेतु केंद्रीय एजेंसियों एवं प्रदेश प्रशासन की टीमें पूरी ताकत से जुटी हुई हैं।’एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने कहा कि ‘सुरंग में फंसे लोगों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है… भोजन और पानी की आपूर्ति और फंसे हुए श्रमिकों की मनोवैज्ञानिक स्थिति अच्छी है… मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों द्वारा उनसे बात की जा रही है… वे सभी शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हैं.’ इस बीच जिन लोगों के रिश्तेदार फंसे हुए 40 मजदूरों में शामिल हैं, उन्हें सुरंग के अंदर एक पाइप के जरिये उनसे बात करने की अनुमति दी जा रही है। उत्तर प्रदेश के दो लोगों को अपने रिश्तेदारों से बात करने की अनुमति दी गई, जो फंसे हुए मजदूरों में शामिल हैं।

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