नई दिल्ली । केन्द्र सरकार जल्द ही मशीन लर्निंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से बने वीडियो संबंधित डीप फेक मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों से चर्चा करेगी । केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि इस दिशा में अपेक्षित सुधार नहीं होने पर आईटी अधिनियम के ‘सेफ हार्बर’ प्रतिरक्षा खंड के तहत इसे संरक्षण नहीं दिया जायेगा। डेल, एचपी, फॉक्सकॉन और लेनोवो सहित 27 कंपनियों को आइटी हार्डवेयर के लिए नई उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना के तहत मंजूरी दी गई है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब भारत आइटी हार्डवेयर कंपनियों को नीतिगत आकर्षणों और प्रोत्साहन योजनाओं से लुभा रहा है।
इनमें से करीब 95 फीसदी यानी 23 कंपनियां पहले दिन से विनिर्माण शुरू करने के लिए तैयार हैं। ये कंपनियां 3,000 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी। गौरतलब है कि डीपफेक से आसानी से किसी को भी धोखा दिया जा सकता हैं। वैष्णव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार ने हाल ही में डीपफेक मुद्दे पर कंपनियों को नोटिस जारी किया था और प्लेटफार्मों ने जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि लेकिन कंपनियों को ऐसी सामग्री पर कार्रवाई करने में अधिक आक्रामक होना होगा। वैष्णव ने संवाददाताओं से कहा कि इस दिशा और कई आवश्यक कदम उठाने होंगे। इस सिलसिले में सभी मंचों की अगले 3-4 दिनों में एक बैठक में विचार-मंथन के बाद सुनिश्चित किया जायेगा कि मंच इसे (डीपफेक) रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास करें और अपने तंत्र को साफ़ करें।
मेटा और गूगल जैसे बड़े मंचों को बुलाये जाने संबंधी प्रश्न पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए श्री वैष्णव ने स्पष्ट किया कि आईटी अधिनियम के तहत मंचों को वर्तमान में जो ‘सुरक्षित हार्बर प्रतिरक्षा’ प्राप्त है, वह तब तक लागू नहीं होगी जब तक कि वे पर्याप्त कार्रवाई नहीं करते।
गौरतलब है कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगाह किया था कि कृत्रिम मेधा (एआई) द्वारा बनाए गए डीपफेक बड़े संकट का कारण बन सकते हैं और समाज में असंतोष पैदा कर सकते हैं। उन्होंने मीडिया से इसके दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को शिक्षित करने का आग्रह किया। हाल ही में प्रमुख अभिनेताओं को निशाना बनाने वाले कई डीपफेक वीडियो वायरल हुए, जिससे आक्रोश फैल गया।
बता दें आइटी हार्डवेयर के लिए नई उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजना के तहत डेल, एचपी, फॉक्सकॉन और लेनोवो सहित 27 कंपनियों को मंजूरी दी गई है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब भारत आइटी हार्डवेयर कंपनियों को नीतिगत आकर्षणों और प्रोत्साहन योजनाओं से लुभा रहा है। इनमें से करीब 95 फीसदी यानी 23 कंपनियां पहले दिन से विनिर्माण शुरू करने के लिए तैयार हैं। ये कंपनियां 3,000 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी।