मैनहट्टन । संयुक्त राष्ट्र में भारत ने फिलिस्तीनियों का समर्थन किया है। यूएन की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने फिलिस्तीनी नागरिकों को मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की तारीफ की है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत ने इजरायल-हमास जंग के बीच पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है। यूएन की स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत और फिलिस्तीनियों के साथ लंबे समय से चले आ रहे संबंधों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि इजरायल-हमास के बीच चल रहे संघर्ष में बड़े पैमाने पर नागरिकों की जान का नुकसान स्वीकार नहीं किया जा सकता है। रुचिरा कंबोज ने भारत और फिलिस्तीन के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों और राज्य, शांति और समृद्धि के प्रयास में फिलिस्तीन को भारत के लगातार समर्थन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज हम यहां ऐसे वक्त पर इकट्ठा हुए हैं जब इजरायल-हमास की जंग के वजह से मध्य-पूर्व की सुरक्षा स्थिति लगातार बद से बदतर हो रही है। इलाके में बड़े पैमाने पर नागरिकों का जान जा रही है। इनमें महिलाएं और बच्चों की जान का नुकसान सबसे ज्यादा हुआ है।
उन्होने कहा कि ये एक खतरनाक मानवीय संकट है। हम नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा करते हैं। रुचिरा कंबोज ने फिलिस्तीनी नागरिकों को मानवीय सहायता मुहैया कराने के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि हमने अपनी ओर से 70 टन मानवीय सामग्री भेजी है जिसमें 16.5 टन दवाएं और चिकित्सा सामान भी शामिल हैं। यूएन में बोलते हुए रुचिरा ने कहा कि आतंकवाद और नागरिकों को बंधक बनाना चिंताजनक है और इसका कोई औचित्य नहीं है। इसके अलावा उन्होंने बंधकों की तत्काल रिहाई को लेकर भारत का स्टैंड भी दुनिया के सामने रखा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रखता है और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करने की वकालत करता है।