वाशिंगटन । अमेरिका के पांच सीनटरों ने चीन में फैल रही रहस्यमयी बीमारी को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडेन को पत्र लिखा है। मिली जानकारी के अनुसार मार्को रुबियो के नेतृत्व में पांच रिपब्लिकन सीनेटरों ने शुक्रवार को लिखे अपने पत्र में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से कहा है कि चीन पर ट्रेवल बैन लागू कर दिया जाए। सीनटरों का कहना है कि चीन में सांस से जुड़ी एक बीमारी लगातार बढ़ रही है। इसके दूसरे देशों में भी फैलने का खतरा है।
ऐसे में बाइडेन प्रशासन पर इस ध्यान देते हुए अमेरिका और चीन के बीच यात्रा पर रोक लगा दे। लिखे पत्र में कहा गया है कि देर करने पर कोरोना महामारी की तरह ये रहस्यमयी निमोनिया हमारे देश में भी फैल सकता है। उन्होंने कहा कि चीन में फैल रही इस बीमारी के बारे में अभी दुनिया कुछ नहीं समझ पा रही है। ये बीमारी आने वाले समय में किसी बड़ी परेशानी की वजह भी बन सकती है। जब तक बीमारी की ठीक से जानकारी नहीं हो जाती, तब तक हमें अमेरिका और चीन के बीच यात्रा को प्रतिबंधित कर देना चाहिए। ताकि हम भविष्य में देश में किसी महामारी के फैलने और लॉकडाउन लगाने जैसी समस्या से बच सकेंगे।
रिपब्लिक सीनटरों ने रष्ट्रपति जो बाइडेन से कहा है कि आप जानते हैं चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का स्वास्थ्य संकटों के बारे में झूठ बोलने का एक लंबा इतिहास रहा है। कोविड19 महामारी के दौरान चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने इस बीमारी की सच्चाई भयावहता को छुपाया और चीजों में पारदर्शिता की कमी रखी। इससे अमेरिका को कोरोना बीमारी के बारे में सही जानकारी नहीं मिल सकी और इसका क्या नतीजा हुआ ये हमने देखा। ऐसे में हमारी मांग है कि चीन के साथ फिलहाल सभी तरह की यात्रा रोक दी जाए और बीमारी के बारे में चीजें साफ होने का इंतजार किया जाए। चीन में बीते कुछ हफ्ते से एक नई बीमारी बच्चों में फैल रही है।
गौरतलब है कि निमोनिया जैसी इस बीमारी में बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है। इस बीमारी के एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने की बात कही जा रही है। चीन के उत्तरी इलाके में फैली ये बीमारी चिंता का सबब बन रही है। दावा किया जा रहा है कि चीन के उत्तरी इलाके के अस्पतालों में बड़ी संख्या में बच्चे इस बीमारी की चपेट में हैं और अस्पतालों में जगह नहीं बची है। चीन की ओर से इसे एक आम फ्लू कहा गया है लेकिन इस पर चिंता दुनियाभर के देशों में हैं क्योंकि चार साल पहले चीन से शुरू हुए कोविड संक्रमण के मामले पूरी दुनिया में फैल गए थे और यह एक महामारी बन गई थी।