- सीएम योगी ने कहा- सपा के कारनामों को भूल नहीं सकते हैं यूपी के लोग

सीएम योगी ने कहा- सपा के कारनामों को भूल नहीं सकते हैं यूपी के लोग


लखनऊ । यूपी विधानसभा में विपक्ष पर करारा हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी ने शुक्रवार को कहा कि लोग समाजवादियों के कारनामे भूली नहीं है। योगी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष हर मुद्दे को समाजवादियों का बताते हैं, जबकि लोग उनके कारनामे भूली नहीं है। हर कोई जानता है कि कैसे-कैसे खेल खेले जाते थे। 

समाजवादियों के कारनामों को कभी भूल नहीं सकती जनता: सीएम योगी

 

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा पेश किए गए आंकड़े वास्तविक नहीं थे। शायद उनका होमवर्क अच्छा नहीं हो पाया। वैसे भी उनके पास समय नहीं है, लेकिन फिर भी उन्होंने प्रयास तो किया। योगी ने बैंकिंग सेक्टर के कार्यों का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि बैंकों के माध्यम से 2 लाख 42 हजार करोड़ का ऋण वितरित किया गया है। वर्ष 2022-23 में पहले की तुलना में आज यूपी में हर 5 किमी के दायरे में बैंक की शाखा है। बीसी सखी के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं को हर ग्राम पंचायत तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। वहीं फंड अर्जित करने में पूरे देश में अकेले यूपी की 16.2 फीसदी हिस्सेदारी है। जो शीर्ष पर है। यह डाटा हमारी सरकार या किसी मैग्जीन का नहीं बल्कि आरबीआई का है।

समाजवादियों के कारनामों को कभी भूल नहीं सकती जनता: सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि जून 2014 में एक लाख 65 हजार आयकर रिटर्न भरे जाते थे। आज 11 लाख 92 हजार आयकर रिटर्न भरे जाते हैं। ये डाटा भी आयकर विभाग का है। आज सरकार की ओर से डेढ़ लाख करोड़ का जीएसटी संग्रह किया जा रहा है। वहीं यूपी जीएसटी रजिस्ट्रेशन में भी शीर्ष स्थान पर है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा के तहत 1 लाख 69 हजार व्यापारियों को लाभान्वित किया जा चुका है। 

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आज यूपी शीरा उत्पादन, एथेनॉल ब्लेंडिंग के मामले में देश का नंबर एक है। आवासीय और कृषि संपत्ति ट्रांसफर में पहले लंबी प्रक्रिया होती थी। वहीं आज मात्र 5 हजार रुपए शुल्क के साथ ये कार्य हो रहा है। उन्होंने सपा सरकार के दौरान भ्रष्टाचारों की पोल खोलते हुए कहा कि गोमती रिवर फ्रंट की बात करें तो पहले इसका डीपीआर 167 करोड़ का बना। इसके बाद डीपीआर 346 करोड़ का बनाया गया। फिर इसे 2015 में बढ़ाकर 656 करोड़ किया गया। इतना ही नहीं जून 2016 में 1513 करोड़ का रिवाइज्ड एस्टिमेट कैबिनेट से पास किया। लेकिन 1437 करोड़ खर्च करने के बाद भी काम अधूरा रहा। इसमें सीबीआई और ईडी की ओर से जांच जारी है। इसमें पाया गया कि डायफ्राम वॉल कार्यों को बिना अनुमोदित ड्राइंग करायी गयी। 
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