- लोकसभा में अचानक हुई चाचा नेहरु की इंट्री से भाजपा-कांग्रेस में खिंच गईं सियासी तलवारें

लोकसभा में अचानक हुई चाचा नेहरु की इंट्री से भाजपा-कांग्रेस में खिंच गईं सियासी तलवारें


नई दिल्ली। राजनीति की चौपाल दो तरह से चलती है। एक तो जानबूझकर विवादों को उछाला जाता है और दूसरा कुछ करते हैं और कुछ हो जाता है,के चलते भी राजनीति गर्मा जाती है। बुधवार से कुछ इसी तरह का एक मुद्दा राजनीति के गलियारों में चर्चा का विषय बना। हुआ यूं कि बुधवार को लोकसभा में एक बिल पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमिश शाह ने अपना वक्तव्य दिया| इसी बीच चाचा नेहरु की इंट्री हो गई। इसके बाद भाजपा और कांग्रेस में वार पलटवार शुरु हो गए। विपक्षी दलों ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर बुधवार को उन पर हमला बोला। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि किसी को भी उन लोगों का अपमान करने का अधिकार नहीं है जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। हालांकि, भाजपा नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि शाह ने लोकसभा में नेहरू के बारे में जो कुछ भी कहा वह सही है और इतिहास को बताना होगा। 

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शाह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि आज लोकसभा में गृह मंत्री ने 1947 और 1948 में जम्मू-कश्मीर में नेहरू की भूमिका पर जानबूझकर उत्तेजक और स्पष्ट रूप से गलत बयान दिए। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नेहरू के खिलाफ शाह की टिप्पणी को ‘बिल्कुल गलत’ बताया । उन्होंने कहा कि गलत दृष्टिकोण के साथ सरकार के किसी भी फैसले में गलती ढूंढ़ी जा सकती है। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और पार्टी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि किसी को भी भारत के पहले प्रधानमंत्री के खिलाफ ऐसी टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपना सबकुछ समर्पित कर दिया।

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 कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने शाह की टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना करते हुए कहा, ‘‘अगर पंडित नेहरू, महात्मा गांधी और अन्य स्वतंत्रता सेनानी नहीं होते तो हमें आजादी नहीं मिलती। नेहरू ने उन विपरीत परिस्थितियों (कश्मीर में) के बीच जो बचाया, उसके लिए धन्यवाद।इस पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नेहरू के बारे में शाह की टिप्पणी को सही बताया और दावा किया कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में ‘खुशियां’ लौट आई हैं। भाजपा की एक अन्य सांसद साधवी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने नेहरू पर शाह की टिप्पणी को ‘सटीक’ बताया और कहा कि ‘इतिहास को वर्तमान पीढ़ी को बताया जाना चाहिए।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान हुए दो ‘बड़े ब्लंडर’ (गलतियों) का खामियाजा जम्मू-कश्मीर को वर्षों तक भुगतना पड़ा। जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए उनका कहना था कि नेहरू की ये दो गलतियां 1947 में आजादी के कुछ समय बाद पाकिस्तान के साथ युद्ध के समय संघर्ष विराम करना और जम्मू-कश्मीर के मामले को संयुक्त राष्ट्र ले जाने की थी। 

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