नई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों पर यातायात के जाम के शोरगुल से बचने के लिए अगर आप दिल्ली मेट्रो ट्रेन में सफर करते हैं और शांति की उम्मीद रखते हैं तो आपके लिए बुरी खबर है। जी हां अब से आपको दिल्ली मेट्रो में गंतव्य स्टेशनों, यात्रा के तरीकों के बारे में ही नहीं सुनना होगा, बल्कि विज्ञापन भी सुनने को मिलेंगे। ऐसा सिर्फ एक बार नहीं होगा बल्कि आपकी करीब डेढ़ घंटे की यात्रा में आपको कई बार सुनना पड़ सकता है। मनोचिकित्सक ने इस शोर को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताया है|
बता दें कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने हाल ही में अपने नेटवर्क के माध्यम से विज्ञापन प्रसारित करने का फैसला कर लिया है। दिल्ली मेट्रो ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे सबसे पहले दिल्ली मेट्रो की वॉयलेट लाइन पर कश्मीरी गेट से बदरपुर के लिए शुरू किया है। दिल्ली मेट्रो का कहना है कि इन विज्ञापनों को दिल्ली मेट्रो की जरूरी अनाउंसमेंट के साथ इतने अच्छे ढंग से जोड़कर प्रसारित किया जाएगा कि यात्रियों को सुख का अनुभव होगा।दिल्ली मेट्रो की ओर से बताया गया है कि फिलहाल मेट्रो ट्रेनों में अनाउंसमेंट के साथ ऑडियो विज्ञापन की सुविधा 6 ट्रेनों में शुरू की जा रही है। ये विज्ञापन दिसंबर 2023 से लेकर एक साल तक प्रसारित होंगे।
फीडबैक के बाद अन्य लाइनों पर भी विस्तार किया जाएगा. डीएमआरसी का कहना है कि मुंबई मेट्रो भी वर्सोवा से घाटकोपर तक ऐसी सुविधा दे रही है। वहीं डीएमआरसी का ये भी कहना है कि कोविड के चलते सीमित हुए आय के स्त्रोतों के चलते मेट्रो और नए गैर टिकटिंग स्त्रोतों से राजस्व जुटाने के लिए भी ये सब कर रही है। दिल्ली मेट्रो की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि मेट्रो ट्रेनों में चलने वाले विज्ञापनों की अवधि करीब 20 से 40 सेकेंड के बीच होगी।
यानि मेट्रो के अनिवार्य अनाउंसमेंट के बीच में जो समय बचता है उसमें यात्रियों को ये एडवरटाइजमेंट्स सुनने को मिलेंगे।ये विज्ञापन हिंदी और अंग्रेजी दोनों में से किसी भी भाषा में हो सकते हैं। इसके साथ ही ये प्राइवेट कंपनी या किसी सरकारी संस्थान के हो सकते हैं। दिल्ली मेट्रो ट्रेनों में जो भी विज्ञापन सुनाए जाएंगे उनकी बाकायदा स्क्रूटनी की जाएगी। मेट्रो में पान-मसाला, धूम्रपान आदि चीजों के विज्ञापन प्रसारित नहीं किए जाएंगे। दिल्ली मेट्रो का कहना है कि विज्ञापनों की अनाउंसमेंट वाली ट्रेनें कश्मीरी गेट से बदरपुर के बीच में चल रही हैं। इस मामले में मनोविज्ञानियों की मानें तो यह सेहत के लिए ठीक नहीं है| मनोचिकित्सक ने इस शोर को मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताया है|