- लोस सत्र : दिल्ली पुलिस के 13 थाने किराये के भवन में हो रहे संचा‎लित

लोस सत्र : दिल्ली पुलिस के 13 थाने किराये के भवन में हो रहे संचा‎लित


नई दिल्ली । सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार किराये की इमारतों में चल रहे दिल्ली पुलिस के 13 थाने की गूंज गुरुवार को संसद तक सुनाई दी।  राजधानी नई दिल्ली  के 225 पु‎लिस थानों में से 13 थाने किराये के भवन में चलने का मामला गुरुवार को लोकसभा में उठा।  माना जा रहा है पुलिस विभाग अब अपनी जमीन पर थानों का निर्माण करने की दिशा में प्रयास तेज कर सकता है। राजधानी की आबादी जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है, बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस को नए थाने भी खोलने पड़ रहे हैं।

 

दिल्ली पुलिस का कारनामा:थाने के पास किराए पर कमरा लेकर ड्यूटी कर रहे  पुलिसकर्मी, पूरे देश में निकाला विज्ञापन - Delhi Police Feat Policemen  Doing Duty Taking Room ...

कई थानों को जमीन न मिल पाने के कारण वे अब तक किराये की इमारतों में ही चल रहे हैं। ऐसे थानों में सुविधाओं का घोर अभाव रहता है, जिससे कामकाज में अड्चन आती ही है, साथ ही महिला पुलिसकर्मियों को सर्वाधिक परेशानी उठानी पड़ती है। ये थाने तीन से साढ़े सात लाख रुपये मासिक किराये पर चल रहे हैं। कई थाने को खोले हुए 15 साल से भी अधिक समय बीत चुका है, लेकिन उन्हें अब तक अपने भवन के लिए जमीन नहीं मिल पाई है।

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पुलिस अधिकारी के मुताबिक सरकारी विभागों में तालमेल के अभाव के कारण यह ‎‎स्थि‎ति ‎निर्मित है। पुलिस विभाग थानों के लिए जमीन प्राप्त करने के लिए डीडीए और एमसीडी के अलावा दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग से ग्रामसभा व कृषि भूमि के लिए वर्षों से चक्कर काट रहा है। जमीन न मिल पाने के कारण बड़ी संख्या में ऐसे भी थाने हैं, जहां दो थाने एक ही परिसर में चल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर मंडावली और मधु विहार थाने एक ही भवन में संचा‎लित  हैं। इसी तरह सरोजनी नगर और सफदरजंग एन्क्लेव थाने एक ही परिसर में है। हर साल दिल्ली पुलिस को मिलने बाले बजट में करोड़ों रुपये नवीन थाना भवन निर्माण और पुलिसकर्मियों के आवासीय कालोनियों के लिए मिलते हैं, लेकिन यह रकम पुलिस विभाग उपयुक्त मद में खर्च नहीं कर पा रहा है। 

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गौरतलब है ‎कि राजधानी में कुछ थानों को जमीन मिली भी है, तो वह पर्याप्त नहीं है। जिससे वहां भवन का निर्माण नहीं हो पा रहा है। ऐसे थाने पोटा केबिन में ही चल रहे हैं। वहीं अधिकारियों तक को बैठने में असुविधा होती है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि इस बार के बजट में दिल्ली पुलिस को 11932.03 करोड़ रुपये दिए गए। अगर पुलिस विभाग को 1.55 संबंधित सरकारी विभागों के सहयोग से जमीन मिल जाती तब थानों की इमारतों का निर्माण किया जा सकता था। मजबूरी में विभाग को थानों का किराया भरना पड़ रहा है। यही हाल दिल्ली मेट्रो थाने का है। दिल्ली पुलिस को मेट्रो के 16 थाने खखेोलने पड़े। संयोग से डीएमआरसी ने सभी थानों को अपनी जगह मुफ्त में मुहैया कराई है। मेट्रो पुलिस के डीसीपी का कार्यालय भी कश्मीरी गेट पर पोटा केबिन में ही चल रहा है। 
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