न्यूयॉर्क । इजरायल और फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास के बीच गत दो माह से जारी युद्ध में तत्काल मानवीय युद्धविराम का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में खारिज हो गया है। दरअसल, अमेरिका ने यूएनएससी के इस प्रस्ताव के खिलाफ अपने वीटो पावर का इस्तेमाल कर दिया। अपने कदम के साथ वाशिंगटन राजनयिक रूप से अलग-थलग हो गया क्योंकि वह अपने सहयोगी की रक्षा कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 13 अन्य सदस्यों ने गाजा में तत्काल मानवीय युद्धविराम के लिए संयुक्त अरब अमीरात द्वारा पेश प्रस्ताव केपक्ष में मतदान किया, जबकि ब्रिटेन अनुपस्थित रहा।
संयुक्त अरब अमीरात के उप राजदूत मोहम्मद अबूशाहब ने अमेरिका के इस कदम पर निराशा जताकर यूएनएससी से पूछा, अगर हम गाजा पर लगातार बमबारी रोकने के आह्वान के पीछे एकजुट नहीं हो सकते, तब हम फिलिस्तीनियों को क्या संदेश दे रहे हैं? वास्तव में, हम दुनिया भर में उन नागरिकों को क्या संदेश दे रहे हैं जो खुद को कभी इन्हीं समान परिस्थितियों में पा सकते हैं? अमेरिका और इजरायल युद्धविराम का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे केवल हमास को फायदा होगा।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत और उप स्थायी प्रतिनिधि रॉबर्ट ए वुड ने कहा कि ऐसा करना अगले युद्ध के लिए बीज बोने जैसा होगा। अमेरिका एक स्थायी शांति का दृढ़ता से समर्थन करता है जिसमें इजरायल और फलस्तीनी दोनों शांति और सुरक्षा में रह सकते हैं। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि अगर इजरायल ने आज एकतरफा हथियार डाल दिए, जैसा कि कुछ सदस्य देशों ने आह्वान किया है, तब हमास इसतरह अपने मंसूबों को अंजाम देता रहेगा।
वहीं हमास ने अमेरिका के इस कदम की निंदा की है। हमास के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम गाजा में युद्धविराम की मांग वाले मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ अमेरिकी वीटो की निंदा करते हैं। यह अनैतिक और अमानवीय कदम है। इज्जत-अल-रेशिक समूह के राजनीतिक सदस्य ने कहा कि अमेरिका युद्धविराम में बाधा डाल रहा है। यह हमारे लोगों की हत्या और उनके नरसंहार में शामिल होने जैसा है।
इस बीच इजरायल का कहना है कि इसमें 1200 लोग मारे गए थे और 240 लोगों को बंधक बनाया गया था। इस बीच हमास नियंत्रित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इजरायली हमलों में 350 लोगों के मारे जाने की सूचना दी और कहा कि गाजा में इजरायल के सैन्य अभियान में मरने वालों की संख्या बढ़कर 17,487 हो गई है।