सिडनी । कनाडा ने एक तरफ जीआईसी फीस 10 हज़ार से बढ़ाकर 20635 डालर कर दिया है वहीं ऑस्ट्रेलिया की स्टूडेंट वीजा नियमों में सख्ती आदेश ने वहां अध्ययनरत विदेशी विद्यार्थियों की मुश्किलें बढ़ा दी है। ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय छात्रों और कम-कुशल श्रमिकों यानि लो स्किल्ड वर्कर्स के लिए वीजा नियमों को सख्त करेगा, जिससे अगले दो वर्षों में उसके माइग्रेण्ट इण्ट्री में आधी कमी आ सकती है। नई नीतियों के तहत, अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को अंग्रेजी परीक्षाओं में उच्च रेटिंग प्राप्त करने की आवश्यकता होगी और एक छात्र के दूसरे वीज़ा आवेदन पर अधिक जांच होगी जिससे उनके वीजा में अधिक समय लग सकता है।
यह निर्णय साल 2022-23 में शुद्ध आव्रजन के रिकॉर्ड 510,000 तक पहुंचने की उम्मीद के बाद आया है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि वर्ष 2024-25 और वर्ष 2025-26 में इसके गिरकर लगभग चौथाई मिलियन होने का अनुमान है, जो मोटे तौर पर प्री-कोविड स्तरों के अनुरूप है। गृह मामलों के मंत्री क्लेयर ओनील ने कहा कि साल 2022-23 में शुद्ध विदेशी प्रवासन में वृद्धि ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय छात्रों द्वारा प्रेरित थी। आईडीपी एजुकेशन (आईईएलडाटएएक्स), जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को प्लेसमेंट और शिक्षा सेवाएं प्रदान करता है, के शेयर कारोबार में 3% से अधिक नीचे पाये गये।
ऑस्ट्रेलिया ने पिछले साल अपने वार्षिक प्रवासन संख्या को बढ़ाया ताकि व्यवसायों को कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए भर्ती करने में मदद मिल सके, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण सीमा पर सख्त नियंत्रण हुआ और लगभग दो वर्षों तक विदेशी छात्रों और श्रमिकों को बाहर रखा गया। लेकिन विदेशी श्रमिकों और छात्रों की अचानक आमद ने पहले से ही तंग किराये के बाजार पर दबाव बढ़ा दिया है, साथ ही देश में बेघरों की संख्या भी बढ़ रही है। सोमवार को हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार 62% ऑस्ट्रेलियाई मतदाताओं में प्रवासन की संख्या अधिक बताया।