- निखिल गुप्ता केस में  ‎तीन बार राजनयिक पहुंचे :विदेश मंत्रालय

निखिल गुप्ता केस में  ‎तीन बार राजनयिक पहुंचे :विदेश मंत्रालय

  • - पन्नू हत्या की नाकाम साजिश में शामिल


  • नई दिल्ली।  चेक रिपब्लिक की जेल में बंद निखिल गुप्ता मामले में भारत को तीन बार राजनयिक पहुंच मिला है। विदेश मंत्रालय ने एक जानकारी में बताया ‎कि  अमेरिका ने निखिल गुप्ता पर आरोप लगाया है कि वह खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिकी धरती पर हत्या की नाकाम साजिश में शामिल था। निखिल गुप्ता फिलहाल चेक रिपब्लिक की राजधानी प्राग में मौजूद एक जेल में बंद है। 
  • Khalistani Gurpatwant Pannun Murder Conspiracy; Nikhil Gupta Consular  Access | पन्नू केस, निखिल गुप्ता के संपर्क में भारत सरकार: विदेश मंत्रालय  बोला- जेल में तीन बार राजनयिक ...

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत निखिल गुप्ता को जरूरी राजनयिक मदद मुहैया करा रहा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में निखिल गुप्ता को लेकर पूछे गए एक सवाल पर बागची ने कहा, एक भारतीय नागरिक फिलहाल चेक अधिकारियों की हिरासत में है। अमेरिका ने उसे प्रत्यर्पित करने की मांग की है, जो अभी पेंडिंग है। हमें कम से कम तीन बार काउंसर एक्सेस मिला है। हम जरूरत के हिसाब से जरूरी राजनयिक सहायता मुहैया करा रहे हैं।

Khalistani Gurpatwant Pannun Murder Conspiracy; Nikhil Gupta Consular  Access | पन्नू केस, निखिल गुप्ता के संपर्क में भारत सरकार: विदेश मंत्रालय  बोला- जेल में तीन बार राजनयिक ...

दरअसल, अमेरिकी सरकार ने निखिल गुप्ता पर आरोप लगाया है कि वह अमेरिका में मौजूद खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के लिए रची गई साजिश में शामिल था। अमेरिका के आरोप के बाद 52 वर्षीय निखिल गुप्ता का परिवार पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। यहां एक याचिका दायर अदालत से मांग की गई कि वह गुप्ता के प्रत्यर्पण मामले में केंद्र सरकार को दखल देने और इस मामले निष्पक्ष मुकदमा चलाने के लिए निर्देश दे। 

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उधर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, इस व्यक्ति का परिवार हमारे सुप्रीम कोर्ट गया है और यह एक प्रक्रिया है जो सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। मुझे नहीं लगता कि अधिकार क्षेत्र जैसे मुद्दों पर टिप्पणी करना हमारे लिए सही है। सुप्रीम कोर्ट क्या कहता है इसका हम इंतजार करेंगे। अमेरिका के आरोपों की जांच के लिए भारत ने पहले से ही एक जांच कमेटी का गठन किया हुआ है। भारत पहले ही कह चुका है कि उसने अमेरिका के आरोपों को गंभीरता से लिया है। 

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उल्लेखनीय है ‎कि अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने निखिल गुप्ता के ऊपर मुकदमा दर्ज किया है। इसमें कहा गया है कि गुप्ता भारत सरकार के कर्मचारी के साथ काम कर रहा था, जिसका मकसद पन्नू की हत्या करना था। हालांकि, हत्या की साजिश को अमेरिकी अधिकारियों ने नाकाम कर दिया। गुरुपतवंत सिंह पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा दोनों देशों की नागरिकता है। वह न्यूयॉर्क में रहकर भारत के खिलाफ अक्सर ही जहरीले बयान देता रहता है। 

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