- कांचियाबिंद और ट्यूमर की खोज होगी आसान

जबलपुर अब आँख में कांचियाबिंद, ट्यूमर,चोट का पता लगाना होगा बहुत आसान क्योंकि मध्य भारत की पहली नॉन इनवेसिव बायोमेडिक्स ओफ्थल्मिक अल्ट्रासाउंड स्केनर (यूबीएम) आ गया। गोलबाजार स्थित डॉ पवन स्थापक के जनज्योति आई हॉस्पिटल में यह स्केनर की सुविधा उपलब्ध हो गई है। हॉस्पिटल में पत्रकारों से चर्चा के दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.पवन स्थापक ने बताया कि यूबीएम तकनीक के द्वारा अलग-अलग तरह के कांचियाबिंद, आँख के अंदर चोट का असर, आँख के अंदर ट्यूमर, जन्मजात कांचियाबिंद आदि बीमारियों के बारे में संपूर्ण जानकारी कंप्यूटर के पोर्टल पर अंकित हो जाती है। यह एक नॉन इनवेसिव डायग्नोस्टिक तकनीक है जिसमे मरीज को सीधा लिटाया जाता है, आँख में इमर्शन पद्धति से एक विशिष्ट डिज़ाइन कप का उपयोग किया जाता है और कुछ ही मिनिटों में मरीज के आँख के अंदर की रचनाओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त हो जाती है। राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी और सूचना केंद्र के अनुसार यूबीएम एक उच्च तकनिकी समाधान वाली अल्ट्रासाउंड तकनीक है, इसके द्वारा आँख के अंदर की अत्यंत सूक्ष्मतम संरचना जिसको खुली आँख या अन्य किसी उपकरण से नहीं देखा जा सकता उसका ५० से १०० मेगा हर्ट्ज़ ट्रांसड्यूसर के माध्यम से हाई प्रâीक्वेंसी रियल टाइम गतिशील छवि प्राप्त की जाती है। मध्य भारत में इस मशीन की उपलब्धता से न सिर्फ आँख की जटिल बीमारियों के निदान में सहायता मिलेगी बल्कि उन बीमारियों के प्रबंधन में भी यह तकनीक कारगर सिद्ध होगी और इलाज के प्रभाव की निगरानी भी इसके द्वारा की जा सकेगी। जनज्योति सुपर स्पेशलिटी आई हॉस्पिटल, गोल बाजार में मरीजों के लिए इस अत्याधुनिक मशीन की लॉन्चिंग की गयी। इस अवसर पर डॉ. पवन स्थापक, श्रीमती अनुपमा स्थापक,डॉ. आयुष टंडन, डॉ. अर्पिता स्थापक, डॉ सोनिया टंडन , डॉ. अंकित राठौड़, डॉ. रितेश शुक्ला आदि उपस्थित थे।

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